एकदिवसीय क्रिकेट का एक ऐसा प्रारूप है जिसमें कोहली अगर आज भी संन्यास ले लेते हैं तो भी वो इस प्रारूप में दुनिया के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में गिने जायेंगे। अभी यह देखना काफी रोचक होगा कि विराट कोहली अपने एकदिवसीय करियर में किस मुकाम तक पहुँचते हैं? सचिन तेंदुलकर ने अपने एकदिवसीय करियर में 463 मैचों की 452 पारियों में 44.83 की औसत से 18,426 रन बनाये हैं। उनके करियर के दौरान एकदिवसीय क्रिकेट में काफी बदलाव आये। जब सचिन ने क्रिकेट शुरू किया था उस समय 240-250 रन मैच जीतने के लिए काफी होते थे वहीं उनके करियर के अंतिम दौर में 320 रन बनाने के बाद भी टीमें सुरक्षित महसूस नहीं करती थी। जब सचिन खेलते थे उस समय वो एकदिवसीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे। अगर कोहली की बात करें तो उन्होंने अभी तक 202 एकदिवसीय मैचों की 194 पारियों में 55.74 की औसत से 9030 रन बनाये हैं और अभी उनका करियर आधे दौर तक ही पहुंचा है। परन्तु, आईसीसी ओडीआई लीग आने के बाद से एकदिवसीय मैचों की संख्या कम हो जाएगी और 5 या 7 मैचों की सीरीज पुरानी बात रह जाएगी। इसके अनुसार पहले चक्र में सभी टीमों प्रत्येक टीम के खिलाफ 3 मैचों की4 घरेलु और 4 बाहरी सीरीज खेलेगी जिसमें टीमों की कुल संख्या 13 होगी। ऐसे में अगर अनुमान लगाया जाये तो कोहली को 2027 विश्वकप तक लगभग 180 मैच खेलने का मौका मिलेगा। अगर चोट और आराम को हटा दें तो कोहली करीब 160 मैचों में टीम का हिस्सा रहेंगे। कोहली के वर्तमान औसत 55.7 है जिसके अनुसार वो 160 मैचों में 7500 और रन बना सकते हैं। ऐसे में उनके रनों की संख्या 360 मैचों में 16,500 ही पहुँच पायेगी जो सचिन से करीब 2000 रन कम है। हर बल्लेबाज के साथ देखा जाता है कि करियर के अंत में उसका औसत गिरता ही है और और ऐसे में कोहली अगर 53 की औसत भी बरकरार रख पाते हैं तो वह 15,900 तक ही पहुँच पाएंगे, जो सचिन के रनों से काफी कम है। सचिन का रिकॉर्ड टूटना इस बात पर निर्भर करेगा कि आईसीसी आने वाले समय में मैचों की संख्या में किस तरह का बदलाव करती है। अगर कोहली 400 एकदिवसीय मैच खेल जाते हैं तो शायद सचिन काफी पीछे हो जाएँ पर अभी आईसीसी के नये नियमों को देखते हुए यह मुश्किल ही लगता है।