वनडे में विराट कोहली बनाम सर विवियन रिचर्ड्स

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क्रिकेट के इतिहास में दुनिया ने कई ऐसे खिलाड़ी और उनका प्रदर्शन देखा है जो निश्चित तौर पर लोगों का मनोरंजन करते रहे हैं और अपने प्रदर्शन से एक नया इतिहास और क्रिकेट की नई इबारत लिखी हैं । सही मायने में एक महान खिलाड़ी वही है जो जरूरत पड़ने पर वैसा ही साबित हो जैसा उसके बारे लिखा गया और जैसी उससे उम्मीद की जाती है । हर दशक में ऐसे खिलाड़ी विश्व क्रिकेट में निकलकर सामने आए जैसे 90 के दशक में वसीम अकरम, रिकी पॉटिंग, सचिन तेंदुलकर, एडम गिलक्रिस्ट, जैक्स कैलिस, ग्लेन मैक्ग्रा, अनिल कुंबले और कई और महान खिलाड़ी जिनको टीवी सेट्स के माध्यम से उस दौर में देखने सौभाग्य प्राप्त हुआ । विश्व में ये नाम शिखर पर मौजूद हैं और अगर वर्तमान में अगर कोई इन महान खिलाड़ियों के रिकोर्ड को पछाड़ कर अपने नाम को दर्ज कराता है तो वो भी इन महान खिलाड़ियों की फहरिस्त में सामिल हो जाएगा । ठीक वैसे सन 2000 से 2010 के खिलाड़ियों जैसे विराट कोहली, कुमार संगाकारा, एबी डीविलियर्स और डेल स्टेन जैसे खिलाड़ियों को देखने के लिए फैंस में उत्साह नजर आता है । जब ऐसे में अलग अलग दशकों के महान खिलाड़ियों के बीच तुलना भी होती रहती है । कई लोगों विवियन रिचर्ड्स को वनडे क्रिकेट का सबसे महान बल्लेबाज मानते हैं । डीन जोन्स जो खुद एक असाधारण वनडे प्लेयर बेस्ट वन डे बल्लेबाज थे वे विव रिचर्ड्स को वनडे का महानतम खिलाड़ी मानते हैं । रिचर्ड्स 1000, 3000, 4000, 5000 और 6000 वनडे रन तक पहुंचने वाले पहले बल्लेबाज थे , और फिर विराट कोहली ने वनडे रिकॉर्ड बुक्स में ये आंकड़े दोहराए, आपको बता दें कि रिचर्ड्स इन आंकड़ों तक सबसे तेजी से पहुचने वाले खिलाड़ी भी हैं । यहां आपको इस महान खिलाड़ी की तुलना मौजुदा महान बल्लेबाज विराट कोहली के साथ पढ़ने को मिलेगी, और ये तुलना बिना वजह नहीं की जा रही है दरअसल ये खिलाड़ी अपने सूझबूझ और आक्रामकता से खेलते वक्त एक जैसे नजर आते हैं । तो यहां हम इन दोनों महान बल्लेबाजों के वनडे रिकॉर्ड की तुलना करके देखेंगे की कौन ज्यादा प्रभावी रहा है , तो आइए इनके कैरियर के अलग अलग पहलुओं की तुलना करते हैं: ओवरऑल नंबर रिचर्ड्स ने अपने कारियर में 6721 रन बनाए जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 90 का और औसत 47 की सही , कोहली ने अभी तक अपने कैरियर में 7212 रन बनाए हैं जिसमें उनका 89 का स्ट्राइक रेट चल रहा है और 51 का शानदार औसत है, हालांकि कोहली इन आंकड़ो के हिसाब से रिचर्ड से बेहतर नजर आते हैं पर जब इन आंकड़ो को और गहराई से देखते हैं तो कहानी कुछ और ही नजर आती है । ऐसे ही कुछ पहलू हम आपके सामने रखेंगे । रिचर्ड्स का बैटिंग एवरेज फैक्टर 1.60 जो उनके समय (जून 1975-मई 1991 तक) के टॉप और मिडिल ऑर्डर के सभी बल्लेजों की तुलना में 60% तक बेहतर है जिसकी तुलना में विराट कोहली का एवरेज फैक्टर 1.56 उनको निरंतर शतक लगाने में मदद करता है एवरेज फैक्टर के दौरान इनका %ओवरऑल औसत से बेहतर नजर आता है, जो दोनों खिलाड़ियों का लगभग बराबर है । स्ट्राइक रेट के मामले में रिचर्ड की क्लास नजर आती है , विराट का स्ट्राइक रेट फैक्टर 1.11 का है और विवेन का 1.37 का यहां तक कि उनके समय के 33 खिलाड़ियों जिन्होंने 2000 ओडीआई रन बनाए उनमें केवल कपिल देव(99.18) इकलौते ऐसे खिलाड़ी रहे जिनका स्ट्राइक रेट फैक्टर उनसे बेहतर था इतना ही नहीं उस दौरान केवल 3 (सलीम मलिक, जहीर अब्बास और अरविंद डी सिल्वा) ही ऐसे खिलाड़ी थे जिनका स्ट्राइक रेट 80 से ऊपर था । एवरेज और स्ट्राइक रेट फैक्टर को मल्टीप्लाई करने पर हम पाते हैं कि रिचर्ड एक औसत बल्लेबाज की तुलना में दोगुने अच्छे थे , तो वहीं कोहली का फैक्टर 1.37 है । रिचर्ड्स ने न केवल भारी भरकम रन बनाए बल्कि उनका रेट काबिले तारीफ था जो 80 के दशक में जिक्र में नहीं आया । टेबल 2: औसत और स्ट्राइक रेट फैक्टर 23_viratkohlicentury-1476595390-800 अगर हम दोनों प्लेयर्स की वेल्यू उनके सबसे बेहतर फॉर्म वाले सालों में निकाले तो भी रिचर्ड्स कोहली से आगे नजर आते हैं , इनकी दिसंबर 1975 से मार्च 1986 के बीच एवरेज 59.24 जो की है जो उनको 2.13 का एक शानदार एवरेज फैक्टर देता है वहीं दूसरी तरफ कोहली का एवरेज 2011 के नवंवर महीने के दौरान 57.15 का रहा और एवरेज फैक्टर 1.70 का ,स्ट्राइक रेट फैक्टर में रिचर्ड्स कोहली से आगे नजर आते हैं रिचर्ड्स का स्ट्राइक रेट फैक्टर 1.43 है जबकि कोहली का 1.14 । रिचर्ड्स की ओवरऑल वेल्यू फैक्टर की बात करें तो 3.5 है जो ये दर्शाता है कि वे उनके पीक टाइम नें एक एवरेज निडिल ऑर्डर बेट्समैन से तीन गुना बेहतर थे, 1.92 के ओवरऑल वेल्यू फैक्टर साथ कोहली भी आज के समय के हिसाब से शानदार हैं । रिचर्ड्स की दो पारियां उनकी महानता को दर्शाने के लिए काफी हैं और ये पारियां हैं पाकिस्तान के गुजरांवाला (1985) में जब उन्होंने 39 गेंदो पर 80 रन की पारी खेली और दूसरी पारी 39 गेंद 82 जो इंग्लैंड के खिलाफ 1985 में आई ये दो पारियां 80 के दशक की कुल चार पारियों में से थी जिनमें स्ट्राइक रेट 200 से ज्यादा था। टेबल 3: औसत और स्ट्राइक रेट फैक्टर (पीक टाइम में) vivian2-1476595514-800 अपने पीक टाइम में औसत और स्ट्राइक रेट फैक्टर की बात का जाए तो रिचर्ड्स बड़े मैचों के खिलाड़ी दिखते हैं सेमीफाइनल और फाइनल मैचौं में उनका एवरेज 53.42 का हो जाता है , जहां कोहली का एवरेज उनके सामने 24.04 का है । ऐसे मैचों में रिचर्ड्स से बेहतर नजर आने वाले तीन ही खिलाड़ी हैं और हैं गैरी कर्स्टन, माइकल बेवन और जावेद मियांदाद । टेबल 4: टूर्नामेंट्स के सेमीफाइनल और फाइनल में प्रदर्शन उनके फाइनल में रिकॉर्ड के बावजूद कोहली भी पीछे नहीं हैं और लक्ष्य का पीछा करते हुए लाजवाब प्रदर्शन करते हैं। कोहली रन चेस करते हुए इस महान बल्लेबाज से कहीं आगे निकल जाते हैं उनका एवरेज 83.97 का है जबकि रिचर्ड्स का एवरेज 57.97 का है । इसके साथ कोहली ने सफल लक्ष्य का पीछा करते हुए 14 शतक भी बनाए हैं जो इस लिस्ट में सर्वाधिक सचिन के शतकों के बराबर है । उनका ये एवरेज इस फॉरमेट के दो सबसे बेहतरीन फिनिशर एमएस धोनी (105.77) और माइकल बेवन (86.25) से ही कम है । टेबल 5: सफलतम चेज़ का रिकॉर्ड सफलतम चेज़ की बात करें तो कोहली के पूरे कैरियर (अगस्त 2008-Oct, 2016) के दौरान भारत नें 227 बार सफलता पूर्वक लक्ष्य तक पहुचा, जबकि रिजर्ड के कैरियर (जून 1975-मई 1991) के दौरान ये संख्या 185 है । यहां ये देख लेना भी जरूरी होगा कि रिचर्ड अपने समय के दो महान ओपनर बल्लेबाज गॉर्डन ग्रीनिज और डेसमंड हेन्स के बाद खेलने आते थे जिनका ओपनिंग एवरेज 54.87 रहता था वहीं कोहली के कैरियर के दौरान उन्हें ओपनिंग एवरेज 50.64 का ही मिला । इस लिहाज से कोहली में रनों की भूख ज्यादा नजर आती है । कृपया यह भी ध्यान दें कि इन दोनों बल्लेबाजों के सफल रन चेज़ करने की औसत के बीच चौड़ी खाई के लिए यही संभव व्याख्या है, इस दौरान कोहली की अविश्वसनीय स्वभाव और रन चेज़ की औसत और कला को कमतर आंकने का मतलब नहीं है। पार्टनरशिप का विश्लेषण kohli-partnership-1476595570-800 कहा जाता है कि क्रिकेट में साझेदारी के बिना कोई मैज जीतना , बड़ा लक्ष्य बनाना या बड़े लक्ष्य का पीछा करना संभव नहीं है और एक महान खिलाड़ी कि ये सबसे बड़ी खासियत होती है कि वो दूसरे खिलाड़ियों के साथ साझेदारी बनाए । और जब हम इन दोनो की इस बारे में तुलना करते हैं तो पाते हैं कि रिचर्ड ने अपने पूरे वनडे कैरियर में 303 पार्टनरशिप निभाई , और कोहली अबतक 317 से अधिक पार्टनरशिप निभा चुके हैं , इस तरह रिचर्ड्स और कोहली की 1.81 और 1.94 क्रमश: लगभग प्रति मैच भागीदारी एक जैसी ही है लेकिन विकेट बाइज़ साझेदारी टूटने के मामले में रोचक जानकारी का पता चलती है। विराट कोहली औसतन दूसरे विकेट के लिए भागीदारी में जब पहला विकेट गिल जाता ,वह अब तक 112 बार कर चुके हैं वहीं रिचर्ड चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आते थे , जिसमें कोहली का औसत 46.2 और विव का 40.4 पर रहा । अलग अलग विकटों के लिए की गई साझेदारी के औसत के मामले में भी कोहली आगे नजर आते हैं जहां (कोहली का 56.33 और 45.79 क्रमश: तीसरे और दूसरे विकेट के लिए औसत है जबकि रिचर्ड्स का 40.90 और 44.30 क्रमश: तीसरे और दूसरे विकेट के लिए औसत है) पार्टनलशिप के दौरान रिचर्ड्स ने कुल रनों का 54.9% (6721/12241) बनाए जब्कि कोहली ने 49.2% (7212/14644) रन बनाए । टेबल 6: भागीदारी सारांश किसी भी मामले में इन दोनों की तुलना नंबरो के लिहाज से नहीं हो सकती है, दोनों अपने अपने दोर के शानदार खिलाड़ी हैं और इनके बीच कोई प्रतिद्वंद नहीं है खास तौर पर नंबरों के हिसाब से तो बिलकुल नहीं, क्योंकि अब चीजें बदल गई हैं परिस्थितियां बिलकुल अलग हैं, मैच अब 60 की बजाय 50 ओवर के हो गये हैं खेल के नियमों से लेकर खिलाड़ियो के खेलने के तरीके तक में बदलाव आ गया है ऐसे में इनकी तुलना को अन्यथा नहीं लेना चाहिए ।

Edited by Staff Editor
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