टेबल 3: औसत और स्ट्राइक रेट फैक्टर (पीक टाइम में) अपने पीक टाइम में औसत और स्ट्राइक रेट फैक्टर की बात का जाए तो रिचर्ड्स बड़े मैचों के खिलाड़ी दिखते हैं सेमीफाइनल और फाइनल मैचौं में उनका एवरेज 53.42 का हो जाता है , जहां कोहली का एवरेज उनके सामने 24.04 का है । ऐसे मैचों में रिचर्ड्स से बेहतर नजर आने वाले तीन ही खिलाड़ी हैं और हैं गैरी कर्स्टन, माइकल बेवन और जावेद मियांदाद । टेबल 4: टूर्नामेंट्स के सेमीफाइनल और फाइनल में प्रदर्शन उनके फाइनल में रिकॉर्ड के बावजूद कोहली भी पीछे नहीं हैं और लक्ष्य का पीछा करते हुए लाजवाब प्रदर्शन करते हैं। कोहली रन चेस करते हुए इस महान बल्लेबाज से कहीं आगे निकल जाते हैं उनका एवरेज 83.97 का है जबकि रिचर्ड्स का एवरेज 57.97 का है । इसके साथ कोहली ने सफल लक्ष्य का पीछा करते हुए 14 शतक भी बनाए हैं जो इस लिस्ट में सर्वाधिक सचिन के शतकों के बराबर है । उनका ये एवरेज इस फॉरमेट के दो सबसे बेहतरीन फिनिशर एमएस धोनी (105.77) और माइकल बेवन (86.25) से ही कम है । टेबल 5: सफलतम चेज़ का रिकॉर्ड सफलतम चेज़ की बात करें तो कोहली के पूरे कैरियर (अगस्त 2008-Oct, 2016) के दौरान भारत नें 227 बार सफलता पूर्वक लक्ष्य तक पहुचा, जबकि रिजर्ड के कैरियर (जून 1975-मई 1991) के दौरान ये संख्या 185 है । यहां ये देख लेना भी जरूरी होगा कि रिचर्ड अपने समय के दो महान ओपनर बल्लेबाज गॉर्डन ग्रीनिज और डेसमंड हेन्स के बाद खेलने आते थे जिनका ओपनिंग एवरेज 54.87 रहता था वहीं कोहली के कैरियर के दौरान उन्हें ओपनिंग एवरेज 50.64 का ही मिला । इस लिहाज से कोहली में रनों की भूख ज्यादा नजर आती है । कृपया यह भी ध्यान दें कि इन दोनों बल्लेबाजों के सफल रन चेज़ करने की औसत के बीच चौड़ी खाई के लिए यही संभव व्याख्या है, इस दौरान कोहली की अविश्वसनीय स्वभाव और रन चेज़ की औसत और कला को कमतर आंकने का मतलब नहीं है। पार्टनरशिप का विश्लेषण कहा जाता है कि क्रिकेट में साझेदारी के बिना कोई मैज जीतना , बड़ा लक्ष्य बनाना या बड़े लक्ष्य का पीछा करना संभव नहीं है और एक महान खिलाड़ी कि ये सबसे बड़ी खासियत होती है कि वो दूसरे खिलाड़ियों के साथ साझेदारी बनाए । और जब हम इन दोनो की इस बारे में तुलना करते हैं तो पाते हैं कि रिचर्ड ने अपने पूरे वनडे कैरियर में 303 पार्टनरशिप निभाई , और कोहली अबतक 317 से अधिक पार्टनरशिप निभा चुके हैं , इस तरह रिचर्ड्स और कोहली की 1.81 और 1.94 क्रमश: लगभग प्रति मैच भागीदारी एक जैसी ही है लेकिन विकेट बाइज़ साझेदारी टूटने के मामले में रोचक जानकारी का पता चलती है। विराट कोहली औसतन दूसरे विकेट के लिए भागीदारी में जब पहला विकेट गिल जाता ,वह अब तक 112 बार कर चुके हैं वहीं रिचर्ड चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आते थे , जिसमें कोहली का औसत 46.2 और विव का 40.4 पर रहा । अलग अलग विकटों के लिए की गई साझेदारी के औसत के मामले में भी कोहली आगे नजर आते हैं जहां (कोहली का 56.33 और 45.79 क्रमश: तीसरे और दूसरे विकेट के लिए औसत है जबकि रिचर्ड्स का 40.90 और 44.30 क्रमश: तीसरे और दूसरे विकेट के लिए औसत है) पार्टनलशिप के दौरान रिचर्ड्स ने कुल रनों का 54.9% (6721/12241) बनाए जब्कि कोहली ने 49.2% (7212/14644) रन बनाए । टेबल 6: भागीदारी सारांश किसी भी मामले में इन दोनों की तुलना नंबरो के लिहाज से नहीं हो सकती है, दोनों अपने अपने दोर के शानदार खिलाड़ी हैं और इनके बीच कोई प्रतिद्वंद नहीं है खास तौर पर नंबरों के हिसाब से तो बिलकुल नहीं, क्योंकि अब चीजें बदल गई हैं परिस्थितियां बिलकुल अलग हैं, मैच अब 60 की बजाय 50 ओवर के हो गये हैं खेल के नियमों से लेकर खिलाड़ियो के खेलने के तरीके तक में बदलाव आ गया है ऐसे में इनकी तुलना को अन्यथा नहीं लेना चाहिए ।