अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के बाद कमेंटेटर की भूमिका में दिखने वाले पूर्व भारतीय ओपनर वीरेंदर सहवाग को खेल से जुड़ी एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है। सहवाग को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) के डोपिंग रोधी अपील पैनल का सदस्य बनाया गया है। उनके साथ दिल्ली के पूर्व खिलाड़ी विनय लाम्बा को भी सदस्य बनाया गया। छह सदस्यों के इस पैनल में किसी पूर्व जज को अध्यक्ष बनाया गया है।
ख़बरों के मुताबिक़ पैनल की गुरुवार को हुई बैठक में वीरेंदर सहवाग उपस्थित नहीं थे लेकिन अन्य सदस्यों ने 2 घंटे तक विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। नाडा ने खेल से जुड़ी एक और हस्ती पूर्व भारोत्तोलक कुंजरानी देवी को भी डोपिंग रोधी अनुशासन पैनल में सदस्य के रूप में नियुक्त किया है। कुंजरानी खुद डोपिंग की दोषी रहीं है। 2001 में डोपिंग में पकड़े जाने के बाद उन्हें 6 माह के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।
गौरतलब है कि हाल ही में बीसीसीआई के अंतर्गत खेलने वाले खिलाड़ियों का डोप टेस्ट करने की अनुमति भारत सरकार से नाडा को मिली थी। सहवाग खुद क्रिकेट से जुड़े रहे हैं इसलिए टेस्ट और अन्य चीजों के लिए नाडा और क्रिकेट दोनों को लाभ होगा। नाडा का यह कदम सराहनीय माना जा सकता है।
संन्यास के बाद सहवाग ने कमेंट्री में अपनी नई पारी शुरू की थी। इसके बाद नाडा जैसी राष्ट्रीय संस्था में सहवाग को शामिल करने से उनका कद और ज्यादा बढ़ा है। इसके अलावा सहवाग एक बार फिर क्रिकेट के मैदान पर बल्ला थामे हुए नजर आएंगे। दुबई में होने वाली टी10 लीग के लिए सहवाग को मराठा अरेबियंस का कप्तान नियुक्त किया गया है। सहवाग की टीम में कुमार संगकारा और पाकिस्तान के कई नामी खिलाड़ी हैं। 6 टीमों के बीच 4 दिनों तक होने वाले इस टूर्नामेंट के लिए वीरेंदर सहवाग के फैन्स दिल और जान से इन्तजार कर रहे हैं और उन्हें पुराने अंदाज में गेंद बाउंड्री से बाहर भेजते हुए देखना चाहते हैं।