भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग का मानना है कि युवराज सिंह और सुरेश रैना को भारत की एकदिवसीय टीम में होना चाहिए। उनका कहना है कि मध्यक्रम को मजबूती प्रदान करने के लिए चयनकर्ताओं को सुरेश रैना या युवराज सिंह को टीम में शामिल करना चाहिए। सहवाग ने कहा कि ' अगर ऊपरी क्रम के बल्लेबाज सफल नहीं रहते हैं तो धोनी के साथ ये दोनों बल्लेबाज टीम को काफी मजबूती प्रदान कर सकते हैं। युवाओं को अनुभव हासिल करने के लिए अभी बहुत समय चाहिए। चयनकर्ताओं की नई रोटेशन पॉलिसी की आलोचना करते हुए सहवाग ने कहा कि 'सबसे अच्छे खिलाड़ी को टीम में खेलना चाहिए और श्रृखंला जीतने की तरफ देखना चाहिए। जितनी श्रृखंला आप जीतेंगे आपकी रैंकिंग उतनी ही अच्छी होगी'। सहवाग ने कहा कि 'ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी एकदिवसीय श्रृखंला काफी अहम श्रृखंला है। इसे केवल एक कोर टीम बनाने के लिए नहीं खेलना चाहिए। विराट कोहली श्रीलंका के खिलाफ प्रयोग कर सकते हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नहीं क्योंकि हमें पता है कि श्रीलंका अभी उतनी मजबूत टीम नहीं है'। आपको बता दें सुरेश रैना और युवराज सिंह दोनों श्रीलंका दौरे के लिए 15 संभावित खिलाड़ियों में थे। हालांकि दोनों में से किसी को भी टीम में जगह नहीं मिली। चयनकर्ताओं का कहना था कि युवराज सिंह को श्रीलंका दौरे के लिए आराम दिया गया है जबकि रैना के बाहर होने की वजह नहीं पता चली। हालांकि बाद में ये खबर आई की सुरेश रैना फिटनेस के लिए यो-यो टेस्ट पास नहीं कर सके थे इसलिए उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया। सहवाग ने महेंद्र सिंह धोनी को भी 2019 वर्ल्ड कप तक मौका दिए जाने की वकालत की। उनका मानना है कि भारतीय टीम को अभी भी धोनी की जरुरत है। उन्होंने कहा कि अगर चयनकर्ता धोनी की जगह किसी युवा बल्लेबाज को मौका देना चाहते हैं तो वो विश्व स्तर की प्रतियोगिता के बाद करना चाहिए। सहवाग ने सुझाव दिया कि ' इंडिया A टीम के दौरे को अगर सही से प्लान किया जाए तो बेंच स्ट्रेंथ को आजमाया जा सकता है। सहवाग के मुताबिक इससे युवा खिलाड़ियों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा और मुख्य टीम पर भी कोई असर नहीं होगा। आपको बता दें श्रीलंका दौरे के बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया से एकदिवसीय श्रृखंला खेलेगी। 17 सितंबर से ऑस्ट्रेलिया का भारत दौरा शुरु होगा।