भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग ने दिल्ली डिस्ट्रिक एंड क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) से इस्तीफा दे दिया है। वो डीडीसीए की क्रिकेट कमेटी में एडवाइजर थे लेकिन अब उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वीरेंदर सहवाग ने इस बारे में कहा कि उन्होंने डीडीसीए के सर्वश्रेष्ठ हितों को ध्यान में रखते हुए संस्था की क्रिकेट समिति से इस्तीफा दिया है। बताया जा रहा है कि सहवाग के अलावा समिति के अन्य सदस्यों आकाश चोपड़ा और राहुल संघवी ने गेंदबाजी कोच के रूप में मनोज प्रभाकर को बरकरार रखने की सिफारिश की थी लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिली थी। कहा जा रहा है कि इसी नाराजगी की वजह से सहवाग ने ये फैसला लिया। उनके साथ आकाश चोपड़ा और राहुल संघवी ने भी इस्तीफा दे दिया है। डीडीसीए सूत्रों के मुताबिक तीनों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। सहवाग ने कहा कि हम तीनों ने दिल्ली क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए एक साथ आकर अपने अहम सुझाव दिए। हालांकि दिल्ली क्रिकेट के हितों को ध्यान में रखते हुए और व्यस्त शेड्यूल की वजह से अब हम लोग अब डीडीसीए क्रिकेट में आगे काम नहीं कर पाएंगे। कहा जा रहा है कि गौतम गंभीर प्रभाकर की नियुक्ति के खिलाफ थे क्योंकि उनका नाम साल 2000 के मैच फिक्सिंग प्रकरण में आया था।डीडीसीए के एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि गौतम हमेशा इस सिद्धांत पर चले हैं कि वो दिल्ली के ड्रेसिंग रूम में ऐसे व्यक्ति को नहीं चाहते जो मैच फिक्सिंग या किसी अन्य तरह से गलत काम से किसी भी तरह जुड़ा रहा हो। उन्होंने कहा कि हालांकि यह कहना गलत होगा कि सहवाग और गंभीर के बीच इस मुद्दे को लेकर मतभेद थे। हितों के टकराव की वजह से सहवाग समेत तीनों को ये फैसला लेना पड़ा है।