भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग अक्सर अपने हास्यास्पद ट्वीट्स और उनके जवाब के लिए भी खूब सुर्खियों में रहते हैं। सोशल मीडिया पर उनके द्वारा साझा की गई तस्वीरों और चुटकुलेबाजी के लोग कायल हैं। उन्होंने एक दिन पहले ही साधु के वेश में अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा कर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा था। लेकिन इस बार सहवाग जिस ट्वीट को लेकर चर्चा में आये हैं उससे उनका सख्त रवैया देखने को मिला है। दरअसल अब उन्होंने एक किताब में लिखे एक गलत पाठ के लिए पाठ्यक्रम लिखने वालों को जमकर फटकार लगाई है। उन्हें इस मुहिम में अपने समर्थकों और यूजर्स का भी साथ मिला है। सहवाग ने एक किताब में लिखे पैराग्राफ पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। अंग्रेजी में लिखे इस पैराग्राफ में बड़े परिवार को समस्या की तरह बताया गया था। इसमें लिखा था कि बड़े परिवार में कई सदस्य होते हैं, इसलिए इसमें रहने वाले लोग कतई सुखी नहीं रह सकते। वीरेंदर सहवाग ने इसी बात पर अपने एक ट्वीट के जरिये लोगों का ध्यान खींचने की कोशिश की है। सहवाग ने अपने ट्वीट में लिखा कि इस तरह का बहुत सारा कबाड़ किताबों में भरा पड़ा है, ये सब किताबों के पाठ्यक्रम को जांचने, परखने वाली अथॉरिटी के ढंग से काम ना करने का नतीजा है। हालांकि ये अभी पता नहीं चला है कि ये किस किताब का हिस्सा है। लेकिन सहवाग को उनकी इस बात पर यूजर्स का खूब साथ मिला है। सभी ने इस बात के लिए किताब छापने वालों को आड़े हाथों लिया है।
कुछ लोगों ने इस ट्वीट को मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और पीएमओ इंडिया को टैग किया है। कुछ लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है कि इसी सोच के कारण अलग परिवार बसाने का चलन बढ़ रहा है।