भारत और साउथ अफ्रीका के बीच होने वाली 6 मैचों की शृंखला में भारत 2 -0 से आगे है | 4 फरवरी को हुए दूसरे मैच में अंपायर ने आई सी सी के जटिल नियमों का हवाला देते हुए लंच घोषित कर दिया जबकि भारत को जीतने के लिए सिर्फ 2 रन की ही आवश्यकता थी | अंपायर के इस फैसले ने सभी दर्शक क्रिकेट कॉमेंटेटरों और क्रिकेट विशेषज्ञों को नाराज़ कर दिया था | मैदानी अंपायर अलीम डार और एड्रियन होल्डस्टोक, मैच रेफरी एंडी पायक्राफ्ट ने आईसीसी के नियमों पर अटल रहने की ठान ली जिससे मैच रोक दिया गया इस रुकावट से मैच 40 मिनट बाद शुरू हुआ |
आपको बता दे कि भारत ने पहले टॉस जीतकर साउथ अफ्रीका को बल्लेबाज़ी का मौका दिया था | साउथ अफ्रीका की टीम 32 ओवरों में 118 रन बनाकर ऑलआउट हो गए थी। भारतीय टीम ने 19 ओवर में 117 रन बना लिए थे, नियमों के मुताबिक जब दक्षिण अफ्रीका ने 15 ओवर डाल दिए थे तब लंच होना था लेकिन छोटा लक्ष्य के कारण अंपायर ने 3 ओवर और डालने दिए जिसके बाद भारतीय टीम का स्कोर 117 था | जीत के लिए भारत को 2 रन चाहिए थे लेकिन अंपायर ने लंच ब्रेक घोषित कर दिया | भारतीय कप्तान विराट कोहली द्वारा इस मुद्दे को उठाने पर भी अंपायर ने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया था |
इस निर्णय पर फ़ैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों ने टिपण्णी करते हुए कहा कि यह फैसला गलत था | पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ वीरेंदर सहवाग ने सोशल मीडिया वेबसाइट ट्विटर पर एक ट्वीट किया जिसमें लिखा कि "अंपायर भारतीय टीम के साथ वैसा व्यवहार कर रहे है जैसा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अधिकारी आम जनता के साथ करते है ,लंच के बाद आना "|
सहवाग के इस पोस्ट से सरकारी कर्मचारी खासे नाराज़ हो गए और ट्विटर पर सहवाग को जवाब देने लगे| एक यूजर्स ने लिखा- मैं सरकारी बैंक कर्मचारी हूं और मैंने कभी ग्राहकों को लंच के बाद आने के लिए नहीं किया।Umpires treating Indian batsmen like PSU Bank treat customers. Lunch ke baad aana #INDvSA
— Virender Sehwag (@virendersehwag) February 4, 2018
एक यूजर लिखते है कि मैं एक बैंक कर्मचारी हूँ और मैंने कभी भी किसी ग्राहक को लंच के बाद आना ऐसा नहीं बोला, जिसका सहवाग ने जवाब लिखा कि आप अपवाद हैं | लंच के अलावा और भी बहाने होते हैं जैसे- सर्वर खराब, प्रिंटर नहीं चल रहा | दुर्भाग्यवश अधिकतर सरकारी डिपार्टमेंट्स में कोई बदलाव नहीं आया है | ट्विटर यूजर ने लिखा कि सर बुरा मान गया मैं तो मैंने हमेशा आपके मैच देखे हैं | मैं एक सरकारी बैंक ऑफिसर हूं और मैंने हमेशा ग्राहकों से अच्छा व्यवहार किया है |Sorry.. I am not talking of public perception but my self experience have been very bad with nationalized banks. Printer problem.. server down..lunch time..I am working outside. Whenever I go home. Used to go bank. Since last 3 years not able to get bank statement. Printer prob.
— shaanti..om..shaanti (@TweetIndia5) February 4, 2018
Sir....bura maan Gaya main....I alwez..alwezzzz. saw ur matches @ Mohali....nd I'm a PSU bank officer...nd have alwez treated customers to their expectations...??
— atul thakur (@atulthakur22) February 4, 2018