वीडियो : वीरेंदर सहवाग के करियर की सबसे ख़ास पारी

भारतीय टीम के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंदर सहवाग आज 38 वर्ष के हो गए हैं। सहवाग के जन्मदिन के विशेष मौके पर हम उनके करियर की सबसे बेहतरीन पारी का वीडियो लेकर आपके सामने आए हैं। 'वीरू' के नाम से पहचाने जाने वाले सहवाग ने टेस्ट प्रारूप में ओपनिंग बल्लेबाजी की परिभाषा बदल कर रख दी थी। वह एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टेस्ट में दो तिहरे शतक जड़े हैं। बहरहाल, अभी उनके अलावा और कोई भारतीय खिलाड़ी टेस्ट में तिहरा शतक नहीं जमा पाया है। सहवाग क्रिकेट के सभी प्रारूपों में गेंदबाज के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थे। उनकी आक्रामकता का आलम यह था कि विश्व के दिग्गज गेंदबाज भी चिंतित रहते थे कि किस क्षेत्र में गेंद पटके ताकि सहवाग उन पर प्रहार नहीं करे। 'नजफगढ़ के नवाब' के नाम से मशूहर बल्लेबाज का आंख और हाथ का संयोजन इतना बेहतरीन था कि वह अच्छी भली गेंद को भी सीमा रेखा के पार भेज देते थे। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सहवाग का सिक्का अलग ही जमा और वह विश्व के दिग्गज बल्लेबाजों में शुमार हो गए। सहवाग का अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड उनकी आक्रामकता के बारे में पूरी बात बयान करता है। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 251 वन-डे में 38 अर्धशतक और 15 शतक जमाते हुए 35.06 की औसत से 8, 273 रन बनाए। वहीं 104 टेस्ट में 32 अर्धशतक व 23 शतक की मदद से उन्होंने 8, 586 रन बनाए। टेस्ट में उनका औसत 49.34 का रहा। अंतर्राष्ट्रीय टी20 करियर में सहवाग ने 19 मैचों में 2 अर्धशतकों की मदद से 394 रन बनाए। टी20 अंतर्राष्ट्रीय करियर में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 68 रन रहा। अपने 37वें जन्मदिन पर यानी 20 अक्टूबर 2015 को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने वाले वीरेंदर सहवाग ने कई ऐसी यादगार पारियां खेली हैं, जिन्हें फैंस लंबे समय तक याद रखेंगे। मगर हम आपको उनकी ऐसी पारी के बारे में बताने जा रहे हैं जो क्रिकेट का हर फैन बार-बार देखना चाहेगा। जी हां, सहवाग ने 2008 में श्रीलंका के खिलाफ गाले के मैदान पर 201 रन की बेहतरीन पारी खेली थी, जिसका रीप्ले हर क्रिकेट फैन बार-बार देखना पसंद करेगा। सहवाग की यह पारी इसलिए खास है क्योंकि रहस्यमयी स्पिनर अजंथा मेंडिस टीम इंडिया के सामने पहेली बन चुके थे। मेंडिस ने अनुभवी मुथैया मुरलीधरन के साथ मिलकर भारतीय बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी थी। मेजबान टीम ने पहला टेस्ट एक पारी और 239 रन के विशाल अंतर से जीता था। सहवाग की बेहद खास पारी दूसरे टेस्ट में आई। भारत के कप्तान अनिल कुंबले ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। भारत को सहवाग और गौतम गंभीर की जोड़ी ने 167 रन की साझेदारी करके शानदार शुरुआत दिलाई। गंभीर (56 रन) ने अर्धशतक पूरा ही किया था कि मेंडिस ने उन्हें LBW आउट कर दिया। इसके बाद भारतीय बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। राहुल द्रविड़ (2), सचिन तेंदुलकर (5), सौरव गांगुली (0) जल्दी-जल्दी आउट हो गए। दूसरे छोर पर सहवाग का आक्रमण जारी रहा। उन्होंने मेंडिस की गेंदों पर 90 रन बनाए। सहवाग ने वीवीएस लक्ष्मण (39) के साथ पांचवें विकेट के लिए 100 रन की साझेदारी की। लक्ष्मण को मेंडिस ने समरवीरा के हाथों कैच आउट करा दिया। इसके बाद दिनेश कार्तिक (4), कप्तान अनिल कुंबले (4), हरभजन सिंह (1), ज़हीर खान (2) और इशांत शर्मा (0) क्रीज पर नहीं टिक सके। भारत की पहली पारी 82 ओवर में 329 रन पर ऑलआउट हुई, जिसमें से 200 रन सहवाग ने बनाए थे। इसका मतलब टीम के 61 प्रतिशत रन सहवाग के बल्ले से बने थे। वीरेंदर सहवाग ने 231 गेंदों में 22 चौके और चार छक्कों की मदद से 201 रन बनाए थे। वह अंत तक नाबाद रहे। पहली पारी में भारत के सिर्फ तीन बल्लेबाज ही दोहरी संख्या में रन बना सके थे, इस लिहाज से सहवाग की यह पारी विशेष रही। श्रीलंका के लिए अजंथा मेंडिस ने सर्वाधिक 6 विकेट लिए। भारत की फिरकी जोड़ी हरभजन सिंह (6 विकेट) और अनिल कुंबले (3 विकेट) ने श्रीलंका को पहली पारी में 292 रन पर समेट दिया। भारत ने दूसरी पारी में वीरेंदर सहवाग (50) के अर्धशतक समेत बल्लेबाजों के मिश्रित प्रदर्शन के बलबूते दूसरी पारी में 269 रन बनाए और मेजबान टीम को 307 रन का लक्ष्य दिया। फिर इशांत शर्मा (3 विकेट) और हरभजन सिंह (4 विकेट) की शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारत ने श्रीलंका को दूसरी पारी में 136 रन के मामूली स्कोर पर ऑलआउट किया और 170 रन से टेस्ट अपने नाम किया। सहवाग को मैच में दोहरा शतक जमाने के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। बता दें कि इस टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम की यह एकमात्र जीत थी और इस वजह से सहवाग की यह पारी उनके करियर की सबसे खास पारियों में से एक हैं। भारत को इस सीरीज में 1-2 से शिकस्त झेलना पड़ी थी। सहवाग की इस विशेष पारी का वीडियो देखें यहां :

youtube-cover