भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंदर सहवाग ने एक माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर एक ट्वीट करके सनसनी फैला दी। उनके ट्वीट के बाद ट्विटर प्लेटफ़ॉर्म पर प्रतिक्रियाओं का अंबार लग गया। सहवाग ने जो ट्वीट किया, उसमें लिखा था, 'बात में है दम ! #भारतजैसीजगहनहीं।' उनके हाथ में जो बोर्ड था, उसमें लिखा था- मैं दो तिहरे शतक नहीं बना सकता था, मेरे बल्ले ने बनाए।
इससे लोगों ने माना कि सहवाग का ट्वीट दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में गुरमेहर कौर की भाजपा की युवा इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ लड़ाई से संबंधित है। जब उमर खालिद (राष्ट्र विरोधी होने के कारण पिछले वर्ष जेल जाने वाले) को कॉलेज में भाषण के लिए आमंत्रित किया गया, तो एबीवीपी ने हस्तक्षेप करके बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाई। गुरमेहर कौर ने सोशल मीडिया की शक्ति का सहारा लेते हुए अपना पक्ष रखा और यूनिवर्सिटी में हिंसा के खिलाफ स्टूडेंट्स का एक मूवमेंट करने की ठानी। कुछ महीनों पहले गुरमेहर कौर (शहीद जवान की बेटी) सुर्ख़ियों में आई थी जब उन्होंने भारत और पाकिस्तान से संबंधित फोटोज पोस्ट किये थे। जब गुरमेहर ने एबीवीपी के खिलाफ लड़ाई शुरू की तो लोगों ने उनके पुराने पोस्ट पर मजाक बनाया और फिर उन्हें राष्ट्र विरोधी का दर्जा दिया। इससे ऊपर आकर उन्होंने हाल ही में सोशल मीडिया पोस्ट किये और बलात्कार की धमकियां मिलने का लोगों पर आरोप भी लगाया।
इसके बाद जब वीरेंदर सहवाग ने इसी प्रकार का ट्वीट किया तो लोगों को लगा कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने गुरमेहर का पक्ष लिया है। उनके ट्वीट की हर चीज को गुरमेहर कौर के ट्वीट से समान करके माना गया। सहवाग के ट्वीट पर मिश्रित प्रतिक्रिया आई। कुछ लोगों का मानना है कि सहवाग ने इस मामले में पहल की जबकि अन्य लोगों ने उनके ट्वीट करने के समय पर सवाल खड़े किये। नीचे दर्शाए ट्वीट से समझ आएगा कि सहवाग ने ट्विटर पर हलचल पैदा कर दी : सहवाग के समर्थन में ट्वीट
कुछ लोग ऐसे हैं जो उनकी बात से समर्थन नहीं रखते सबसे अर्थपूर्ण ट्वीट रणदीप हूडा ने किया, जिन्होंने कहा कि सहवाग ने मजाकिया अंदाज में गुरमेहर कौर के प्रति समर्थन जाहिर किया।