बीते रविवार को बड़ौदा और चंडीगढ़ के बीच खेले जा रहे रणजी मुकाबले (Ranji Trophy) के दौरान एक दुखद घटना हुई। बड़ौदा के बल्लेबाज विष्णु सोलंकी फील्डिंग कर रहे थे और इस दौरान उन्हें टीम के मैनेजर ने वापस ड्रेसिंग रूम में बुलाया। जब वह ड्रेसिंग रूम में पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनके पिता का निधन हो गया है।बड़ौदा की टीम ने सोलंकी को वापस जाने में हर संभव मदद देने का भरोसा किया, लेकिन सोलंकी ने टीम के साथ बने रहने का फैसला लिया। उन्होंने अपने पिता की अंतिम यात्रा को मोबाइल पर वीडियो कॉल के जरिए देखा। बड़ौदा के कप्तान केदार देवधर के मुताबिक सोलंकी को वापस जाने का विकल्प दिया गया था, लेकिन यदि वह वापस जाते भी तो भी समय पर घर नहीं पहुंच पाते।सोलंकी के पिता पिछले दो महीने से बीमार चल रहे थे और अस्पताल में भर्ती थे। लगातार कठिन परिस्थितियों में होने के बावजूद सोलंकी ने रणजी सीजन नहीं छोड़ने का फैसला लिया थाहाल ही में हुआ था सोलंकी की नवजात बेटी का निधनSportskeeda@SportskeedaVishnu Solanki, who lost his daughter just after birth few days ago, attends the funeral, returns to play in the Ranji Trophy for Baroda and hit a brilliant against Chandigarh.Unreal commitment! #India #RanjiTrophy11:08 PM · Feb 25, 202225618Vishnu Solanki, who lost his daughter just after birth few days ago, attends the funeral, returns to play in the Ranji Trophy for Baroda and hit a brilliant 💯 against Chandigarh.Unreal commitment! 🙌 #India #RanjiTrophy https://t.co/kc8haPgMRsकुछ दिनों पहले ही सोलंकी के लिए एक और बुरी खबर आई थी जब उनकी नवजात बेटी का निधन हो गया था। उनकी बेटी पैदा होने के अगले दिन ही इस दुनिया को छोड़ कर चली गई थी। इसके बाद वह घर चले गए थे। बेटी का क्रिया कर्म निपटाने के बाद सोलंकी वापस अपनी टीम के लिए खेलने के लिए पहुंचे थे।वापस आने पर उन्होंने अनिवार्य क्वारंटाइन में समय बिताया था और इसके बाद एक बेहतरीन शतकीय पारी खेली थी। पहला मैच नहीं खेलने वाले सोलंकी ने चंडीगढ़ के खिलाफ 104 रनों की पारी खेलकर बड़ौदा को 500 के पार पहुंचाया था। हालांकि, अब पिता के निधन होने की घटना के बाद यह देखना होगा कि सोलंकी अपनी भावनाओं पर कितना काबू कर पाते हैं।