वीवीएस लक्ष्‍मण ने कोच और सपोर्ट स्‍टाफ की मजबूत पंक्ति तैयार करने पर दिया जोर

वीवीएस लक्ष्‍मण ने कहा कि कोच और सपोर्ट स्‍टाफ की मांग बढ़ी है
वीवीएस लक्ष्‍मण ने कहा कि कोच और सपोर्ट स्‍टाफ की मांग बढ़ी है

भारतीय टीम (India Cricket team) के पूर्व बल्‍लेबाज वीवीएस लक्ष्‍मण (VVS Laxman) ने कहा है कि खिलाड़‍ियों के साथ-साथ क्वालिटी कोच तैयार करने की भी जरूरत है। नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) के अध्‍यक्ष लक्ष्‍मण ने कहा कि उनका दृष्टिकोण केवल खिलाड़‍ियों तक सीमित नहीं है।

पिछले कुछ समय में भारत के पास रवि शास्‍त्री, भरत अरुण, आर श्रीधर और विक्रम राठौड़ जैसे प्रभावशाली और क्वालिटी कोच रहे। शास्‍त्री के मार्गदर्शन में भारतीय टीम ने पांच साल टेस्‍ट क्रिकेट में अपना दबदबा बनाया और आईसीसी विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप फाइनल 2021 में जगह बनाई।

लक्ष्‍मण ने कहा कि उनका दृष्टिकोण क्वालिटी खिलाड़‍ियों के अलावा मजबूत कोच की पंक्ति तैयार करने पर भी है। लक्ष्‍मण के हवाले से टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने कहा, 'एनसीए में मेरे शुरुआती दिन है, लेकिन मेरा दृष्टिकोण केवल खिलाड़‍ियों तक सीमित नहीं है। जहां राष्‍ट्रीय टीमों का ध्‍यान मजबूत बेंच स्‍ट्रेंथ तैयार करने पर लगा है, वहीं यह भी जरूरी है कि कोच और अन्‍य सपोर्ट स्‍टाफ की भी मजबूत बेंच तैयार की जाए।'

राहुल द्रविड़ के बाद दिसंबर में एनसीए की जिम्‍मेदारी लेने वाले वीवीएस लक्ष्‍मण भारतीय टीम के साथ दो टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज के लिए आयरलैंड दौरे पर गए थे। इसके बाद इंग्‍लैंड के खिलाफ पहले टी20 इंटरनेशनल मैच में उन्‍होंने राहुल द्रविड़ की जगह भारतीय टीम की कोचिंग की थी।

134 टेस्‍ट खेल चुके लक्ष्‍मण ने कहा कि कोच और सपोर्ट स्‍टाफ की मांग काफी ज्‍यादा है क्‍योंकि खेल का स्‍तर बढ़ा है और प्रारूप भी तीन हैं। 47 साल के लक्ष्‍मण ने कहा, 'यह जानते हुए कि आज का पेशेवर खेल कैसे हो चला है और इन दिनों कितनी क्रिकेट खेली जा रही है, तो टॉप क्वालिटी शैली और एस एंड सी कोच व फिजियोथैरेपिस्‍ट और विज्ञान मेडिकल एक्‍सपर्ट्स की मांग बढ़ी है। यह हमारी जिम्‍मेदारी है कि एनसीए में हम ऐसे प्रोग्राम लाएं, जिससे भारतीय प्रतिभा को इस विभाग में भी खुद को अभिव्‍यक्‍त करने में मदद मिले।'

याद हो कि लक्ष्‍मण ने 2012 में संन्‍यास ले लिया था। एनसीए अध्‍यक्ष बनने के बाद लक्ष्‍मण ने सनराइजर्स हैदराबाद में अपनी भूमिका से इस्‍तीफा दिया था।

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