Washington Sundar Life journery: भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर आज अपना 25वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। वॉशिंगटन सुंदर का जन्म 5 अक्टूबर 1999 को चेन्नई में हुआ था। सुंदर ने 13 दिसंबर 2017 को मोहाली में श्रीलंका के खिलाफ वनडे मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। बता दें कि वॉशिंगटन सुंदर ने भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए तीनों फॉर्मेट में खेला है।
ऑलराउंडर सुंदर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलते हैं। वहीं सुंदर की बहन शैलजा भी अपने भाई की तरह ऑलराउंडर क्रिकेटर हैं। वह तमिलनाडु के लिए खेलती हैं। इस खास दिन पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) समेत उनके चाहने वालों ने सोशल मीडिया पर उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।इस खास मौके पर आपको वॉशिंगटन सुंदर के जीवन के कुछ किस्सों के बारे में बताएंगे।
कान की बीमारी से जूझ रहे हैं वॉशिंगटन सुंदर
वॉशिंगटन सुंदर का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है। सुंदर ने अपने बचपन में शारीरिक कष्टों का भी सामना किया है। जब वह सिर्फ 4 साल के थे, तो उनके परिवार को पता चला कि उन्हें एक कान से सुनाई नहीं देता है। सालों तक उनका इलाज चला लेकिन आज भी वह इस बीमारी से जूझ रहे हैं। लेकिन वॉशिंगटन सुंदर ने इसके बावजूद भी अपनी इस कमजोरी को खुद पर कभी हावी नहीं होने दिया। अपने जुनून और जजबे से वॉशिंगटन सुंदर ने अपनी एक अलग पहचान बना ली है।
सुंदर के नाम के पीछे है खास वजह
वॉशिंगटन सुंदर के नाम को लेकर अक्सर चर्चा होती है। फैंस को लगता है कि वॉशिंगटन सुंदर का नाता वॉशिंगटन से है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। वॉशिंगटन सुंदर के पिता ने एक इंटरव्यू के दौरान वॉशिंगटन सुंदर के नाम के पीछे वजह बताई थी। उन्होंने बताया एक भूतपूर्व सैनिक थे जो हमारे घर से थोड़ी ही दूरी पर रहते थे। उन्हें क्रिकेट से बहुत लगाव था, वह अक्सर खेल देखने के लिए मरीना ग्राउंड आते थे। उनका नाम पीडी वॉशिंगटन था।
क्रिकेट के प्रति पीडी वॉशिंगटन का प्यार देख सुंदर उनसे काफी प्रभावित हुए थे। जिसकी वजह से सुंदर पीडी वॉशिंगटन के साथ काफी समय बिताने लगे। सुंदर के पिता और पीडी वॉशिंगटन के बीच संबंध अच्छे थे। सुंदर काफी गरीब परिवार से आते थे, जिसकी वजह से उनके स्कूल की फीस, किताबें और कपड़े वॉशिंगटन ही लाते थे। वाशिंगटन सुंदर को आगे बढ़ाने में पीडी वॉशिंगटन का ही बड़ा हाथ रहा था। जिसकी वजह सुंदर का नाम वॉशिंगटन सुंदर पड़ा।