ओलंपिक में भारत का नाम दुनियाभर में रोशन करने वाले खिलाड़ी नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) से आईपीएल में आने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वो किस कंडीशन पर खेल सकते हैं। दरअसल, दोहा में डायमंड लीग के उद्घाटन से पहले क्रिकेट में करियर बनाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में बड़ा ही शानदार जवाब दिया।नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रो यानी भाला फेंक प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल यानी स्वर्ण पदक जीता था, और पूरी दुनिया में भारत का नाम ऊंचा किया था। दोहा में डायमंड लीग की शुरुआत होने से पहले उनसे जैवलीन करियर से संन्यास लेने के बाद की फ्यूचर प्लानिंग के बारे में पूछा गया। उनसे पूछा गया कि क्या वो अपने इस खेल से संन्यास लेने के बाद क्रिकेट में हाथ आजमाएंगे।क्या क्रिकेट में भी हाथ आजमाएंगे नीरज चोपड़ा?इस सवाल का जवाब देते हुए नीरज ने दोहा में 4 मई को हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,"यह काफी मुश्किल है क्योंकि क्रिकेट भी एक फिज़िकल स्पोर्ट है। उसमें एक नियम है कि आप कंधे से गेंद को फेंकते वक्त अपने बांह को मोड़ नहीं सकते। अगर वो नियम बदला जाता है और अगर हम जैवलीन की तरह गेंद फेंक सकते हैं तो शायद मैं क्रिकेट खेलना शुरू कर पाउंगा।"Wanda Diamond League@Diamond_League"If you could bowl like we throw the javelin, I'd be playing in the @IPL"Who wants to see @neeraj_chopra1 firing yorkers at @fafduplessis, @davidwarner31 and @imVkohli? #DohaDL #DiamondLeague13921"If you could bowl like we throw the javelin, I'd be playing in the @IPL"Who wants to see @neeraj_chopra1 firing yorkers at @fafduplessis, @davidwarner31 and @imVkohli? 😉#DohaDL #DiamondLeague https://t.co/RbKkKHBQOVदरअसल, क्रिकेट में गेंदबाजी करने का एक नियम है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के मुताबिक अगर गेंदबाजी के करने के दौरान किसी गेंदबाज की बांह यानी आर्म 15 डिग्री से ज्यादा मुड़ती है तो उसे मान्य नहीं माना जाता है। नीरज चोपड़ा इसी नियम के बारे में बात कर रहे थे। इसके अलावा उन्होंने बताया,"भारत में क्रिकेट काफी लोकप्रिय खेल हैं और उसमें गेंदबाजी करने के लिए काफी तेज बांह की जरूरत पड़ती है, तो इंडिया में ये स्किल बहुत सारे खिलाड़ियों में नेचुरल होती है। यह हमारे लिए एक अच्छी बात है और उम्मीद है कि भविष्य में भारत से ना सिर्फ ज्यादा जैवलीन थ्रोअर्स बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी कई नए एथलीट्स निकल सकते हैं।"