भारतीय टीम ने श्रीलंका को तीसरे टी20 मुकाबले में 5 विकेट से हराकर 3 मैचों की टी20 श्रृंखला 3-0 से अपने नाम कर ली। पूरी सीरीज के दौरान भारतीय टीम का प्रदर्शन काफी बढ़िया रहा और उसने हर विभाग में काफी अच्छा खेल दिखाया। हालांकि सीरीज जीतने के बाद भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री ने एक बेहद ही चौंकाने वाली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि टी20 फॉर्मेट में भारतीय टीम जीते या हारे इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। वो बस 2019 विश्व कप के लिए युवा खिलाड़ियों को आजमाना चाहते हैं। मैच के बाद शास्त्री ने कहा कि ये एक अच्छी टीम की निशानी है। हम विरोधी टीम का सम्मान करते हैं और जब आप ऐसा करते हैं तो फिर आप जमीनी स्तर पर काम करते हैं। उन्होंने कहा कि टी20 क्रिकेट में हम जीत-हार की परवाह नहीं करते हैं। हम केवल युवा खिलाड़ियों को मौका देकर आजमाना चाहते हैं कि 2019 विश्व कप के लिए कौन खिलाड़ी सही रहेगा। ये हमारे लिए काफी चुनौतीपूर्ण काम है। देखा जाए तो कोच रवि शास्त्री की युवाओं को मौका देने की बात सही भी लगती है। हाल ही में भारतीय टीम में कई युवा खिलाड़ियों को अपना हुनर दिखाने का मौका दिया गया है। न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज से श्रेयस अय्यर और मोहम्मद सिराज ने डेब्यू किया तो श्रीलंका के खिलाफ श्रृंखला में वाशिंगटन सुंदर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा। इसके अलावा दीपक हुड्डा और सिद्धार्थ कौल और बेसिल थम्पी जैसे खिलाड़ियों को भी भारतीय टीम में जगह मिली। हालांकि इनको अंतिम एकादश में खेलने का मौका नहीं मिला। श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में जयदेव उनादकट ने अपनी गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया और उन्हें मैन ऑफ द सीरीज भी चुना गया।
हालांकि शास्त्री का ये कहना कि टी20 क्रिकेट में हमें हार-जीत से उतना फर्क नहीं पड़ता वो सही नहीं है। क्योंकि टी20 क्रिकेट आज बड़े स्तर पर खेला जाने लगा है और इस प्रारुप के भी विश्व कप का आयोजन होता है। वहीं इंडियन प्रीमियर लीग में भी हर साल कई भारतीय खिलाड़ी खेलते हैं, इसलिए आधुनिक क्रिकेट में टी20 की महत्वा से इंकार नहीं किया जा सकता है।