भारतीय महिला क्रिकेट टीम (Indian Women's Team) की बल्लेबाज पूनम राउत (Punam Raut) ने स्पोर्ट्सकीड़ा से खास बातचीत में क्रिकेट और हाल ही में हुए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेल भावना की घटना को लेकर अहम प्रतिक्रियाएं दी है। पूनम राउत ने टीम इंडिया के लिए लगातार टॉप ऑर्डर में अच्छा प्रदर्शन किया है और उन्होंने 100 से अधिक मैचों में देश का प्रतिनिधित्व भी किया है।
पूनम राउत ने अपने क्रिकेट करियर और उससे मिली सीख को लेकर कहा कि, 'मैं भाग्यशाली हूं कि मेरा करियर बहुत लंबा रहा। मैंने क्रिकेट से बहुत कुछ सीखा है। क्रिकेट ने मुझे भावनात्मक रूप से मजबूत बनाया। इस खेल को खेलकर मैंने सीखा है कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं होता। उतार-चढ़ाव होंगे और हर दिन, हर खेल एक नया होगा। क्रिकेट आपको जीवन का संतुलन सिखाता है और भावना प्रदान करता है। मेरे करियर में कठिन समय रहा है, आनंद और उत्साह भी रहा है और क्रिकेट ने मुझे उतार-चढ़ाव दोनों का सामना करने में मदद की है।
पूनम राउत हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए टेस्ट मैच में एक फैसले पर चर्चा में रही। अंपायर ने उन्हें आउट करार नहीं दिया, जबकि उन्हें मालूम था और वह खुद ही मैदान छोड़ कर चली गई। इस खेल भावना को लेकर उनकी सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हुई। उन्होंने इस सन्दर्भ में बताया कि, 'क्रिकेट ने मुझे ईमानदार होना सिखाया है। दिन के अंत में, मुझे पता है कि यह अच्छा है या बुरा, यह हमेशा आपके चारों ओर घूमता रहता है। हमें खेल की भावना को कभी नहीं भूलना चाहिए और जब भी या जहां भी हम खेलते हैं, हमें चैंपियन की तरह खेलना होता है। चैंपियंस हमेशा खेल की भावना को बनाए रखते हैं। खेलों ने मुझे इतना कुछ सिखाया है कि मुझे पता है कि मुझे खुद के प्रति सच्चा होना है।
पूनम राउत को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर केवल पिंक टेस्ट मैच खेलने को मिला, जबकि वनडे क्रिकेट में शानदार खेल दिखाने के बाद वह टीम से बाहर रही। इस टेस्ट मैच में उन्होंने पहली पारी में 36 और दूसरी पारी में 41 रनों की नाबाद पारी खेली।