वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने खिलाड़ियों के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर एक नया ऐलान किया है। इसके मुताबिक अलग-अलग प्रारूप के लिए अलग-अलग कॉन्ट्रैक्ट होंगे। नए सिस्टम में तीन कॉन्ट्रैक्ट होंगे जिसमें- सभी प्रारुपों में खेलने के लिए अलग करार, एकदिवसीय क्रिकेट के लिए अलग करार और टेस्ट क्रिकेट के लिए अलग करार होगा। ये नियम 1 जुलाई से लागू हो जाएगा। हाल ही में वेस्टइंडीज के कुछ दिग्गज खिलाड़ियों किरोन पोलॉर्ड, ड्वेन ब्रावो, सुनील नारेन और आंद्रे रसेल ने अपने देश के लिए विश्व कप क्वालीफायर में खेलने की बजाय पाकिस्तान सुपर लीग में खेलने को तरजीह दी थी और अब इसके बाद वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने ये नया ऐलान कर दिया है।
नए नियम के बाद केवल 5 खिलाड़ियों को ही सभी प्रारुपों के कॉन्ट्रैक्ट में रखा गया है। इसमें जेसन होल्डर, शैनन गैब्रियल, शाई होप, अल्जारी जोसेफ और देवेंद्र बिशू जैसे खिलाड़ी हैं। 6 खिलाड़ियों को लाल गेंद के साथ कॉन्ट्रैक्ट में रखा गया है। इसमें क्रेग ब्रैथवेट, रोस्टन चेस, शेन डावरिक, जर्मेन ब्लैकवुड, मिगुअल कमिंस और जोमेल वर्रिकन हैं। जबकि सफेद गेंद के साथ कॉन्ट्रैक्ट में कार्लोस ब्रैथवेट, एश्ले नर्स, जेसन मोहम्मद, एविन लेविस और रोवमैन पावेल हैं।
नए नियमों को लेकर वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर जॉनी ग्रेव ने कहा कि इस नए कॉन्ट्रैक्ट का मकसद वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा अपनी टीम की तरफ से खेलने के लिए प्रोत्साहित करना है। गौरतलब है न्यूजीलैंड के खिलाफ एकदिवसीय और टी20 श्रृंखला में वेस्टइंडीज की टीम को हार का सामना करना पड़ा था। जिम्बाब्वे में मार्च से 2019 विश्व कप क्वालीफायर के मुकाबले खेले जाएंगे। अगर वेस्टइंडीज को अगला विश्व कप खेलना है तो उसका यहां पर जीत हासिल करना बेहद ही जरुरी है लेकिन कुछ बड़े खिलाड़ियों के हटने की वजह से उसकी उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। शायद यही वजह है कि वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने करार के नए नियमों का ऐलान किया है।