भारतीय क्रिकेट विश्व के महान बल्लेबाजों और मैच विजयी स्पिनर्स के लिए लोकप्रिय है। पारंपरिक रूप से स्पिनर्स ने टीम के लिए विशेषतौर पर घरेलू परिस्थितियों में उम्दा प्रदर्शन किया है। हालांकि इस बीच तेज गेंदबाजों ने भी शानदार प्रदर्शन करके अपनी उपयोगिता दर्शायी।
जहां तक विदेशी दौरों की बात की जाए तो श्रीलंका में सीरीज जीत के अलावा भारत का प्रदर्शन बहुत अच्छे स्तर का नहीं रहा है।
वेस्टइंडीज और भारत लंबे समय तक क्रिकेट के बादशाह रहे हैं। वेस्टइंडीज का हावीपन इसी से झलकता है कि वह 1980 से 1995 तक टेस्ट सीरीज नहीं हारा। उनके पास तेज गेंदबाजों की फौज रही जो विरोधी टीम की बल्लेबाजी इकाई पर हमेशा भारी रही।
भारत ने वेस्टइंडीज का पहला दौरा 1952 में किया था। विंडीज में बड़े नाम होने के बावजूद भारत ने अच्छी प्रतिस्पर्धा की थी। सुभाष गुप्ते उस सीरीज में काफी लोकप्रिय हुए थे क्योंकि उन्होंने 27 विकेट लिए थे। भारत ने इस सीरीज में एक टेस्ट गंवाया था जबकि चार ड्रॉ कराए थे।
भारत ने इसके बाद वेस्टइंडीज के कई दौरे किए, लेकिन उसका सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा, लेकिन गेंदबाजों ने जिम्मेदारी उठाते हुए टीम को मुश्किलों से उबारा।
आईये आज उन 5 मौकों पर ध्यान देते है जब भारतीय गेंदबाज ने कैरीबियाई जमीन पर उम्दा प्रदर्शन किया :#5- हरभजन सिंह (जमैका के सबीना पार्क पर 13/5)
'टर्बनेटर' के नाम से मशहूर हरभजन सिंह को 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। यह वही ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज थी, जिसमें भारत ने फॉलो ओन खेलने के बाद मैच जीता था। हरभजन उस सीरीज में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने थे।
भारत ने 2006 में चार टेस्ट की सीरीज के लिए वेस्टइंडीज का दौरा किया था। पहले तीन मैच ड्रॉ रहे थे और फिर क्यूरेटर्स पर अच्छी पिच बनाने का दबाव बढ़ा था जो परिणाम दे सके।
जमैका की पिच गेंदबाजों के लिए मददगार थी। भारत की पहली पारी 200 रन पर सिमट गई। जवाब में हरभजन सिंह ने सिर्फ 13 रन देकर 5 विकेट चटका दिए। मेहमान टीम ने वेस्टइंडीज की पहली पारी 103 पर ऑलआउट कर दी।
हरभजन ने सही क्षेत्रों में गेंदें फेंकी और अच्छा टर्न हासिल किया। उनकी उछाल भरी टर्न गेंदों का कैरीबियाई बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं दिख रहा था। हरभजन ने डैरेन गंगा, रामनरेश सरवन, ड्वेन ब्रावो, दिनेश रामदीन और पेड्रो कॉलिंस को अपना शिकार बनाया था।
भारत ने यह मैच 49 रन से जीता था। वेस्टइंडीज में भारत ने 35 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद टेस्ट सीरीज जीती थी।