टेस्ट मैच के दौरान 12वें खिलाड़ी के दिमाग में क्या चल रहा होता है?

ये क्रिकेट से जुड़ा हुआ नहीं है, लेकिन इसको क्रिकेट से अलग भी नहीं किया जा सकता है। 12वां खिलाड़ी किसी भी टीम के लिए काफी अहम खिलाड़ी होता है। टीम की रणनीति बनाने से लेकर खिलाड़ियों तक मैसेज पहुंचाने में 12वें खिलाड़ी का अहम योगदान होता है। टीम के खिलाड़ी जहां मैदान पर रणनीति बनाने में मशगूल रहते हैं वहीं ड्रेसिंग रुम में भी 12वें खिलाड़ी के दिमाग में कई सारे प्लान चल रहे होते हैं। आइए आपको बताते हैं कि एक टेस्ट मैच के दौरान 12वें खिलाड़ी के दिमाग में क्या चल रहा होता है ? 5. ना यहां ना वहां- क्या फ्रेंड जोन में मैं एक ही व्यक्ति हूं- सभी को किसी ना किसी दोस्त की जरुरत होती है। चाहे वो बॉलीवुड स्टार हो या क्रिकेट स्टार। एक दोस्त हर जगह काम आता है। टीम में 12वां खिलाड़ी भी यही भूमिका अदा करता है, क्योंकि ना तो वो टीम का हिस्सा होता है और ना ही टीम से बाहर होता है। किसी भी क्रिकेटर के लिए ये थोड़ा कठिन होता है लेकिन हर एक खिलाड़ी को इससे गुजरना होता है। 4. छिपी हुई योग्यता-क्या वो देख रही है ? अगर हां, तो फिर घर में मेरे लिए कोई जगह नहीं है 12 MEN 2 कई बार ऐसा होता है कि क्रिकेटरों की पत्नियां या फिर उनकी गर्लफ्रैंड मैच देखने स्टेडियम में आती हैं। एक खिलाड़ी के लिए ये काफी सुकून भरा पल होता है। क्रिकेटर की पत्नियां या गर्लफ्रैंड क्रिकेट के बारे में भले ही कुछ ना जानती हों लेकिन हमेशा अपने ब्वॉयफ्रैंड या पति के अच्छा करने की कामना करेंगी। लेकिन इसका कभी-कभी बुरा प्रभाव भी पड़ता है, मैदान पर जो हरकतें खिलाड़ी करते हैं वो उनकी वीबियां देख रही होती हैं। ऐसे में 12वां खिलाड़ी उन्हें इस चीज की जानकारी दे सकता है। ड्रिंक के बहाने वो खिलाड़ियों को उनके पार्टरन के बारे में भी बता सकता है। 3. झुंझुलाहट बढ़ती जा रही है- क्या अब वे मेरा दम निकालकर ही छोड़ेंगे ? 12men3 भले ही 12वां खिलाड़ी मैच नहीं खेल रहा होता है, लेकिन उसको मेहनत उतनी ही करनी पड़ती है। ऐसा नहीं है कि हर समय वो सोफे पर बैठकर आराम कर रहा होता है। मैच के दौरान किसी खिलाड़ी के चोटिल होने, ड्रिंक्स लेने या फिर कुछ बात होने पर 12वें खिलाड़ी को ही भागकर मैदान में जाना होता है। अगर कोई खिलाड़ी मैदान से बाहर चला गया तो सब्सीट्यूट खिलाड़ी के रुप में फील्डिंग भी करनी पड़ती है। कभी-कभी मैच में एक ऐसी स्थिति आ जाती है जब विरोधी टीम काफी मजबूत स्थिति में होती है तब कप्तान पारी घोषित करने के बारे में सोचता है। वहीं कभी-कभी जब कोई बल्लेबाज किसी ऐतिहासिक उपलब्धि को पाने के काफी करीब होता है तब भी कप्तान संदेश पहुंचाता है। ये सब काम 12वें खिलाड़ी के ऊपर होता है कि वो नियमित अंतराल पर कप्तान के निर्देशानुसार मैदान में खेल रहे खिलाड़ियों तक संदेश पहुंचाए। बार-बार ऐसा करने से 12वें खिलाड़ी में झुंझुलाहट भी काफी आ जाती है, लेकिन अपने चेहरे पर वे इसे प्रकट नहीं होने देते। पर ड्रेसिंग रुम से मैदान और मैदान से ड्रेसिंग रुम तक चक्कर लगाते-लगाते उनके अंदर झुंझुलाहट आ ही जाती है। 2. कप्तान क्या पिछली बार मैंने आपकी ड्रिंक सही नहीं बनायी थी ? 12 men333 सामान्य तौर पर एक टेस्ट सीरीज के लिए 15 खिलाड़ियों का चयन किया जाता है, जिसमें से 11 खिलाड़ी खेलते हैं। वहीं एक खिलाड़ी 12वां खिलाड़ी होता है,जिसे खेलने का मौका नहीं मिलता। टीम में शामिल ना किए जाने पर किसी भी खिलाड़ी को बुरा लगता है भले ही कारण कुछ भी रहा हो। लेकिन 12वें खिलाड़ी का मतलब होता है कि वो अपने देश के उन शीर्ष 12 खिलाड़ियों में से एक है जो कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट पर खेल रहे हैं। ये 12वें खिलाड़ी के लिए गर्व की बात हो सकती है, लेकिन फिर वही बात आ जाती है कि मैदान पर खेलना अलग बात होती है और बेंच पर बैठना अलग चीज हो जाता है। प्रदर्शन के अलावा भी 12वें खिलाड़ी के दिमाग में उस वक्त काफी कुछ चल रहा होता है, कि उसे अंतिम 11 में जगह क्यों नहीं मिली। क्या उसे प्रैक्टिस सेशन में हिस्सा नहीं लेने की सजा मिली या फिर कप्तान से झगड़े की सजा मिली। हालांकि इन दिनों खिलाड़ी काफी प्रोफेशनल हो गए हैं और टीम में शामिल ना किए जाने को बड़ी आसानी से हैंडिल कर लेते हैं। 1.मान-सम्मान दांव पर 12men444 नाम और शोहरत कमाने में सालों लग जाते हैं, लेकिन एक गलत काम से सब किए-कराए पर पानी फिर जाता है। मैच में 12वें खिलाड़ी का ये काम होता है कि समय-समय पर वो कोच और कप्तान का संदेश खिलाड़ियों तक पहुंचाता रहे। दर्शकों का एक वर्ग कभी भी खिलाड़ियों पर हूटिंग करने से नहीं चूकता है। क्योंकि दर्शक हमेशा यही चाहते हैं कि उनकी टीम के खिलाड़ी गेंद और बल्ले से बेहतरीन प्रदर्शन करें। एक 12वें खिलाड़ी के दिमाग में ये बात भी आती है कि उसे टॉवेल और ड्रिंक लेकर जाते हुए देखकर दर्शकों के दिमाग उसकी अलग तरह की इमेज बन जाएगी। हालांकि ये अपवाद का विषय है, क्योंकि ये दर्शकों की क्रिकेट के समझ के ऊपर निर्भर करता है। जो दर्शक क्रिकेट को समझते हैं वो कभी भी इस तरह की बात नहीं सोचेंगे।

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