सामान्य तौर पर एक टेस्ट सीरीज के लिए 15 खिलाड़ियों का चयन किया जाता है, जिसमें से 11 खिलाड़ी खेलते हैं। वहीं एक खिलाड़ी 12वां खिलाड़ी होता है,जिसे खेलने का मौका नहीं मिलता। टीम में शामिल ना किए जाने पर किसी भी खिलाड़ी को बुरा लगता है भले ही कारण कुछ भी रहा हो। लेकिन 12वें खिलाड़ी का मतलब होता है कि वो अपने देश के उन शीर्ष 12 खिलाड़ियों में से एक है जो कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट पर खेल रहे हैं। ये 12वें खिलाड़ी के लिए गर्व की बात हो सकती है, लेकिन फिर वही बात आ जाती है कि मैदान पर खेलना अलग बात होती है और बेंच पर बैठना अलग चीज हो जाता है। प्रदर्शन के अलावा भी 12वें खिलाड़ी के दिमाग में उस वक्त काफी कुछ चल रहा होता है, कि उसे अंतिम 11 में जगह क्यों नहीं मिली। क्या उसे प्रैक्टिस सेशन में हिस्सा नहीं लेने की सजा मिली या फिर कप्तान से झगड़े की सजा मिली। हालांकि इन दिनों खिलाड़ी काफी प्रोफेशनल हो गए हैं और टीम में शामिल ना किए जाने को बड़ी आसानी से हैंडिल कर लेते हैं।