क्या होता अगर 1996 में लाहौर में हुए विश्वकप फ़ाइनल को भारत जीत जाता ?

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#4 युवराज सिंह और विराट कोहली को साल 2011 में सचिन तेंदुलकर को अपने कंधे पर बैठाने का मौका नहीं मिलता
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साल 2011 में जब भारत ने विश्वकप जीता था, तो युवराज सिंह ने इस जीत को सचिन तेंदुलकर को समर्पित की थी। वहीं विराट कोहली ने कहा था कि सचिन ने लम्बे समय तक अपने कंधे पर भारतीय क्रिकेट का बोझा ढोया है ऐसे में हम इस जीत की ख़ुशी उन्हें अपने कंधे पर बैठाकर मना रहे हैं। लेकिन अगर कल्पना करिए कि 1996 में अगर भारत विश्वविजेता बन जाता तो हो सकता था कि सचिन 2011 का विश्वकप ही नहीं खेलते। अगर वह खेलते भी तो उन्हें इस तरह की फीलिंग इस जीत पर नही आती क्योंकि वह इसका स्वाद चख चुके होते। हाँ ये बात सही है कि तेंदुलकर इस विश्वकप की जीत से खुश तो होते लेकिन वह इतने इमोशनल न होते। इसलिए कोहली और युवराज को उन्हें कंधे पर नहीं बैठाना पड़ता।

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