बहुत कम लोग ऐसे होंगे, जिन्हें पिछली विश्व एकादश टीम याद हो। वजह है, ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली करारी हार, लेकिन क्या भारत भी हालिया विश्व एकादश को वैसी ही टक्कर दे सकता है? आपमें से कितने लोगों को याद है 2005 की सुपर सीरीज, जब विश्व एकादश को ऑस्ट्रेलिया ने दी थी करारी मात? उस मुकाबले के लिए पूरी दुनिया के क्रिकेट फैन्स रोमांचित थे, क्योंकि अजेय मानी जाने वाली तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ मैदान में उतर रहे थे विश्व के बेहतरीन खिलाड़ी। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने वनडे और टेस्ट दोनों ही श्रृंखलाओं में विश्व एकादश को उबरने का मौका तक नहीं दिया। उस सीरीज के बाद आईसीसी ने इस तरह का कोई टूर्नामेंट आयोजित नहीं किया। पिछले एक दशक में भारत में क्रिकेट की दीवानगी में हुए इजाफे को देखते हुए, अगर ऐसा कोई टूर्नामेंट आयोजित किया जाए तो फैन्स के लिए यह किसी ट्रीट से कम नहीं होगा। ऐसी बहुत कम टीमें होंगी, जिनकी तुलना 2000 के दशक के शुरुआती दौर की कंगारुओं की टीम से हो सके। हालांकि, पिछले काफी वक्त से भारतीय टीम के प्रदर्शन को देखते हुए इस मुकाबले की कल्पना की जा सकती है। तो आइए देखते हैं कि अगर 50 ओवरों के खेल में ऐसा मुकाबला होता है तो कैसे रहेंगे समीकरणः #5 12 साल बाद सुपर सीरीज 2005 में जब विश्व एकादश और ऑस्ट्रेलियाई टीम के बीच मुकाबले की घोषणा हुई, तो फैन्स के बीच हाई वोल्टेज मैचों की अपेक्षा कौंधने लगी, लेकिन हुआ उल्टा ही और विश्व एकादश किसी भी मैच में कंगारुओं को कड़ी टक्कर तक न दे सकी। 12 साल के अंतराल के बाद क्रिकेट अपने करीने बदल चुका है। चाहे वह फ्री हिट के नियम का प्रवेश हो, फील्डिंग संबंधी नियमों में बदलाव हो, डीआरएस हो, आधुनिक बैट्स की पावर हो या फिर टी-20 क्रिकेट की तेजी। बल्लेबाज बेखौफ हो चुके हैं, बोलर्स पहले से कहीं ज्यादा तेज-तर्रार और पिछले एक दशक में कई सुपरस्टार खिलाड़ियों का उद्भव हो चुका है। हालिया सूरत में कोई भी टीम किसी भी टीम को हराने का दम रखती है, इसलिए भारत और विश्व एकादश के बीच विजेता का पूर्वचुनाव टेढ़ी खीर है। हालांकि, एक बात तो तय है कि मुकाबला 2005 की तरह एकतरफा तो न होगा। #4 संभावित टीमें आईसीसी विश्व एकादश के लिए खिलाड़ियों का चुनाव करना आसान काम नहीं है। क्रिकेट खेलने वाले हर देश के पास एक न एक ऐसा खिलाड़ी जरूर है, जो किसी भी वक्त मौका पड़ने पर खेल का रुख बदल सकता है। इसी तरह विश्व एकादश के मुकाबले की टीम इंडिया का चुनाव करना भी चुनौतीपूर्ण काम है क्योंकि हिसाब कुछ वैसा ही होगा कि किसे छोड़ें और किसे लेकर आगे बढ़ें। सिर्फ बेहतरीन खिलाड़ियों का व्यक्तिगत रूप से चुनाव ही जरूरी नहीं है, बल्कि यह भी जरूरी है कि मैच जिन परिस्थितियों में खेला जाएगा, उन्हें ध्यान में रखते हुए सही मिश्रण के साथ टीम तैयार की जाए। आइए पिछले एक साल को ध्यान में रखते हुए देखते हैं कि दोनों टीमों के कौन से संभावित विकल्प हो सकते हैं: विश्व एकादश टीम: डेविड वॉर्नर (ऑस्ट्रेलिया), क्विंटन डी कॉक (विकेट कीपर, दक्षिण अफ्रीका), केन विलियमसन (न्यूजीलैंड), स्टीव स्मिथ (कप्तान, ऑस्ट्रेलिया), जो रूट (इंग्लैंड), एबी डी विलियर्स (साउथ अफ्रीका), बेन स्टोक्स (इंग्लैंड), मिशेल स्टार्क (ऑस्ट्रेलिया), जोश हैजलवुड (ऑस्ट्रेलिया), हसन अली (पाकिस्तान), इमरान ताहिर (साउथ अफ्रीका), हाशिम अमला (दक्षिण अफ्रीका), कागिसो रबाडा (साउथ अफ्रीका), शाकिब अल हसन (बांग्लादेश), राशिद खान (अफगानिस्तान)। टीम इंडियाः शिखर धवन, रोहित शर्मा, विराट कोहली (कप्तान), युवराज सिंह, एमएस धोनी (विकेट कीपर), केदार जाधव, हार्दिक पांड्या, रविन्द्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, अजिंक्य रहाणे, मोहम्मद शमी, मनीष पांडे. जसप्रीत बुमराह। #3 भारतीय खिलाड़ियों के लिए अनुभव का मौका वॉर्नर, स्मिथ, विलियमसन और डीविलियर्स जैसै खिलाड़ियों के सामने एक ही पारी में बोलिंग करना किसी भी खिलाड़ी के लिए एक बुरा सपना साबित हो सकता है। भारत के तेज गेंदबाज अंतरराष्ट्रीय स्तर की गेंदबाजी में अपनी पैठ गहरी करने की जुगत में है और ऐसे में इस तरह का मुकाबला उनके सामने एक अलग ही स्तर की चुनौती साबित होगा। नई बाल के साथ गेंदबाजी से लेकर आखिरी ओवरों के दबाव को संभालने तक, तेज गेंदबाजों को हर संभव तरकीब आजमानी होगी। जबकि स्पिनर्स को बीच के ओवरों में रनों की गति थामनी होगी। भारतीय गेंदबाजों के सामने यह असाधारण चुनौती जरूर होगी, लेकिन साथ ही होगा अपने खेल को एक अलग ही मुकाम का अनुभव देने का अद्वितीय मौका। अब बात करते हैं बल्लेबाजों की। दुनिया के बेहतरीन तेज गेंदबाजों के सामने उनकी भी कड़ी परीक्षा होगी। मिसाल के तौर पर भारतीय बल्लेबाज शॉर्ट बॉल से अभी भी कतराते हैं। इसे देखते हुए यह साफ है कि बल्लेबाजों को भी अपने दायरों से बाहर निकल खेल को और अधिक निखारना होगा। #2 विश्व एकादश में खिलाड़ियों का समीकरण ओपनिंग स्टैंडः विश्व एकादश के पास दुनिया के 2 बेहतरीन ओपनर्स की जोड़ी होगी, वॉर्नर और डी कॉक। दोनों ही बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और आक्रामक हैं। पिछले एक साल से दोनों ही बेहतरीन फॉर्म में हैं। एक और दिलचस्प बात यह भी है कि वनडे में दोनों ही खिलाड़ियों का रेकॉर्ड भारत के खिलाफ शानदार रहा है। मध्यक्रमः विश्व एकदश के पास आधुनिक क्रिकेट जगत के कुछ बेहतरीन खिलाड़ी होंगे, जो उनका मध्यक्रम संभालेंगे। जिसमें सबसे शानदार जोड़ी होगी, स्टीव स्मिथ और जो रूट की। इन दोनों ही खिलाड़ियों ने हर प्रारूप और परिस्थिति के लिए खुद को तैयार कर रखा है। दोनों को साथ खेलते देखना काफी रोमांचक होगा। तेज गेंदबाजीः पेस अटैक में देखने लायक जोड़ी होगी, मिशेल स्टार्क और हसन अली की। एक खिलाड़ी पहले ही सुपरस्टार के रूप में खुद को स्थापित कर चुका है और दूसरा हाल ही में खत्म हुई चैंपियन्स ट्रॉफी में अपने जलवे दिखा चुका है। दोनों ही खिलाड़ी किसी भी बल्लेबाज को अपनी इन-स्विंग यॉर्कर गेंदों ने परेशान करने में सक्षम हैं। भारत के मजबूत बल्लेबाजी क्रम के खिलाफ इन दोनों गेंदबाजों को साथ बोलिंग करते देखना बेहद मनोरंजक होगा। #1 वर्चस्व की लड़ाई एक चीज, जिसे साबित करने के लिए भारत सबसे ज्यादा जोर लगाएगा, वह है आधुनिक क्रिकेट में उसका वर्चस्व। एक युवा कप्तान के नेतृत्व में टीम इंडिया पूरी दुनिया को अपना बेखौफ खेल दिखा रही है। विश्व एकादश को हराकर भारत न सिर्फ खुद सुपरपावर साबित कर पाएगा बल्कि टीम के युवाओं को आत्मविश्वास से लबरेज भी कर सकेगा। वहीं दूसरी ओर, विश्व एकादश अपने अपेक्षित प्रदर्शन को साबित करने के लिए उतरेगा। 2005 में जो हुआ, विश्व एकादश चाहेगा कि वह इतिहास खुद को न दोहराए। दोनों कप्तानों के लिए भी यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण मौका होगा। विराट और स्मिथ दोनों ही प्रशंसनीय काम कर रहे हैं और अपने देशों को टीम का प्रभावी नेतृत्व कर रहे हैं। इस तरह का मुकाबला उनके नेतृत्व और अधिक निखारने का अच्छा मौका होगा। विराट को अपनी टीम को इस तरह के मुकाबले के खुद को तैयार कर जीत हासिल करने के प्रेरित करना होगा। स्मिथ को दुनियाभर के दिग्गजों को एक टीम की तरह खेलने के लिए प्रेरित करना होगा। स्मिथ को अपनी अगुआई में सभी दिग्गजों से उनका सबसे बेहतरीन प्रदर्शन निकलवाना होगा। बतौर क्रिकेट फैन, यह देखना बेहद रोमांचक होगा कि इन धुरंधरों में कौन बाजी मारेगा।