सभी क्रिकेट फैन अपने चहेते खिलाड़ी के हाथ में विश्वकप की ट्राफी जरुर देखना चाहते हैं। खासकर प्रिंस ऑफ़ कोलकाता सौरव गांगुली और भारतीय क्रिकेट की दीवार राहुल द्रविड़ के फैन्स तो ये जरुर चाहते थे। ऐसी ही इच्छा सभी क्रिकेटरों की भी होती है। ये साल इन दोनों बड़े खिलाड़ियों के लिए यादगार साल बन जाता। अगर टीम 234 रन पर आलआउट न हो जाती। इस जीत से गांगुली भारत के सबसे सफल कप्तानों में शुमार हो जाते। हालाँकि मीडिया तब भी उन्हें भारत का सबसे सफल कप्तान मानती थी। लेकिन ये लम्हा उनके जीवन का सबसे यादगार लम्हा साबित होता।
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