क्रिकेट में गुगली क्या होती है?

क्रिकेट में लेग-स्पिन गेंदबाजी को निश्चित तौर पर सबसे ज्यादा दिलचस्प माना जाता है। पिछले 2-3 दशकों से कई लेग-स्पिन गेंदबाजों ने अपनी चुस्ती और चालाकी से हमें रोमांचित किया है। गुगली एक ऐसी कला है, जिसे सीखना बिल्कुल आसान नहीं है, लेकिन जब कोई इसमें निपुणता हासिल कर लेता है, तब वह सर्वश्रेष्ठ बन जाता है। गुगली क्या है? गुगली एक ऐसी गेंद होती है, जो एक दाएं हाथ के लेग-स्पिनर द्वारा फेंकी जाती है और गेंद पड़ने के बाद उल्टी दिशा में घूम जाती है। इसका मतलब यह है कि बॉल टिप लेने के बाद दाएं हाथ के बल्लेबाज के सामन, बाहर निकलने की बजाय अंदर की तरफ घूम जाती है। यह एक बाएं हाथ के स्पिनर के मुकाबले एकदम उलट है। उस स्थिति में बॉल अंदर आने की बजाय बाहर निकल जाती है। बाएं हाथ के लेग-स्पिनर (चाइनामैन) भी गुगली फेंकते है। उनका एंगल दाएं हाथ के स्पिनर के मुकाबले एकदम उल्टा होता है। पिच की लाइन में गुगली के अप्रत्याशित घुमाव के कारण बल्लेबाज अक्सर गच्चा खा जाते हैं क्योंकि वे इसी मानसिक तौर पर परम्परागत तरीके से खेलने को तैयार होते हैं। एक गेंदबाज को गुगली को प्रभावी बनाने के लिए इसका प्रयोग कम मात्रा में करना चाहिए, जिससे बल्लेबाज समझ ना पाएं। गुगली का इस्तेमाल कैसे किया जाता है? गुगली फेंकना बिल्कुल आसान नहीं है। इसके लिए कड़ा अभ्यास और धैर्य की जरूरत पड़ती है। एक लेग-स्पिनर गेंदबाज गुगली डालते वक्त अपनी कलाई को गेंद डालने के मुकाबले तेजी से घुमाता है। वह यह सुनिश्चित करता है कि गेंद उसके हाथ के पीछे से आए। यहां सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कलाई की पोज़िशन मैदान से 180 डिग्री होनी चाहिए और गेंद की सीम फाइन लेग की तरफ होनी चाहिए। गुगली डालते समय एक लेग-स्पिनर के हाथ की तीसरी उंगली गेंद को विपरीत दिशा में मुड़ने में मदद करती है। गुगली को लेग-ब्रेक एक्शन से भी डाल सकते हैं। इसके लिए बॉलर को गेंद को छोड़ते समय अपनी उंगली से गेंद को अधिक घुमाने की जरूरत होती है। यहां गेंद पर गेंदबाज की पकड़ वही रहती है बस दिशा बदल जाती है।

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इसी वजह से बल्लेबाजों को गुगली को समझना मुश्किल होता है। उन्हें पता ही नहीं होता है कि गेंद किस तरफ टर्न लेगी और उसे किस तरफ खेलना चाहिए। गुगली डालने के लिए गेंद को बहुत फ्लाइट करने की ज़रुरत पड़ती है, साथ ही अधिक सफलता के लिए गेंदबाज़ को अपनी कलाई को तेजी से दाएं से बाएं तरफ मोड़नी चाहिए। गुगली डालने के लिए गेंद की ग्रिप बहुत महत्वपूर्ण है। पहली दो उंगलियां को गेंद पकड़ने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए, जबकि तीसरी और चौथी अंगुली को गेंद के दूसरी तरफ रखना चाहिए, वहीँ तीसरी उंगली गेंद को सबसे ज्यादा घुमाने में मदद करती है। गुगली का इस्तेमाल इस बात को समझना बहुत जरूरी है कि गुगली एक लेग-स्पिनर का सबसे प्रमुख हथियार होता है। इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से इसकी मारक क्षमता कम हो सकती है। पिछले कई सालों से लेग स्पिनरों को गुगली का अत्याधिक इस्तेमाल करने का खामियाजा भी भुगतना पड़ा है। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई लेग-स्पिनर स्टुअर्ट मैकगिल ने "द क्रिकेट मंथली" को बताया कि " मैंने गुगली पर बहुत मेहनत और समय खर्च किया, लेकिन दुर्भाग्यवश, मुझे इससे अपनी लेग-स्पिन में लाभ की बजाय हानि हुई और वापस मुझे अपनी लेग-स्पिन हासिल करने में 6 महीने लग गए। उनके मुताबिक लेग-स्पिनरों को इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। गुगली को 'बोसी' के नाम से भी जाना जाता है। गुगली का आविष्कार इंग्लैंड के बर्नार्ड जेम्स टिंडल बोसंकेट ने किया था तथा यह नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया हैं। लेखक: भावेश भिमानी अनुवादक: मोहन कुमार