भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने लॉर्ड्स टेस्ट में शिखर धवन को टीम से बाहर किए जाने की आलोचना की है। पहले मैच में धवन ने विराट कोहली और हार्दिक पांड्या के बाद सबसे ज्यादा रन बनाए थे। भारत ने दूसरे टेस्ट में शिखर धवन की जगह चेतेश्वर पुजारा को टीम में शामिल किया। गावस्कर का मानना है कि धवन को हमेशा ही पहले टेस्ट मैच के बाद टीम से बाहर कर दिया जाता है और दूसरे खिलाड़ियों को ज्यादा मौके मिलते हैं। इसके अलावा उनका कहना है कि टीम में चयन का आधार क्या है, क्योंकि मुरली विजय और केएल राहुल ने तो शिखर धवन से कम रन बनाए हैं। पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ने मुंबई मिरर के साथ बातचीत में कहा, "मेरा सवाल यह है कि हमेशा ही पहले मैच के बाद शिखर धवन को टीम से बाहर क्यों किया जाता है। दूसरे खिलाड़ियों को मौके दिए जाते हैं, तो धवन को भी दूसरा मौका मिलना चाहिए। आप पहले टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शऩ देखा जाए, तो धवन ने विजय और राहुल से ज्यादा रन बनाए। टीम में चयन पिच को देखते हुए किया जाना चाहिए। धवन एक बाएं हाथ के बल्लेबाज है और अगर वो दाएं हाथ के खिलाड़ी होते, तो उन्हें टीम से बाहर करने का कारण समझ में आता। भारतीय टीम को बल्लेबाजी को मजबूत करने के लिए 6 बल्लेबाज खिलाना चाहिए था।" एजबेस्टन टेस्ट को 31 रनों से जीतने के बाद लॉर्ड्स टेस्ट में भी इंग्लैंड टीम की स्थिति काफी मजबूत है। तीसरे दिन के खेल के बाद मेजबान टीम ने 6 विकेट के नुकसान पर 357 रन बना लिए थे और उन्होंने पहली पारी के आधार पर 250 रनों की बढ़त हासिल कर ली है। भारत को लॉर्ड्स टेस्ट को बचाने के लिए दूसरी पारी में शानदार बल्लेबाजी करके दिखानी होगी। हालांकि देखना होगा कि क्या भारतीय टीम इस टेस्ट को बचाने में कामयाब होती है या नहीं।