अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट या अन्य किसी भी तरह के क्रिकेट में देखा गया है कि बल्लेबाज रिटायर्ड हर्ट (What is retired hurt) और रिटायर्ड आउट (What is retired out)) होते रहते हैं। इसके पीछे कोई खास मकसद या कारण होता है। इनमें कई बार देखा गया है कि खिलाड़ी रिटायर्ड आउट होकर मैदान से बाहर चले जाते हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण होता है।
रिटायर्ड हर्ट और रिटायर्ड आउट में असमंजस की स्थिति पैदा होती है। ऐसे में इसे समझना जरूरी है कि दोनों में क्या अंतर है। रिटायर्ड हर्ट नाम से ही प्रतीत होता है कि खिलाड़ी चोटिल होने के बाद मैदान से बाहर चला जाता है। बैटिंग के दौरान कोई बल्लेबाज चोटिल होता है तो वह मैदान से बाहर जा सकता है। ऐसी स्थिति में अम्पायर उसे आउट नहीं देता। वह बल्लेबाज फिर से खेलने के लिए मैदान पर आ सकता है। इस वजह से इसे रिटायर्ड हर्ट नाम दिया गया है। इस तरह के बल्लेबाजों के नाम के आगे स्कोरबोर्ड में रिटायर्ड हर्ट लिखा जाता है।
दूसरी तरफ रिटायर्ड आउट अलग होता है। जब कोई बल्लेबाज बैटिंग करते समय चोटिल और बीमार नहीं है लेकिन अपनी या अपने कप्तान की मर्जी से मैदान से बाहर जाता है, तो उसे रिटायर्ड आउट माना जाता है। इस तरह बाहर जाने वाले बल्लेबाज को आउट माना जाता है और वह मैदान पर वापस नहीं आ सकता। बल्लेबाज के नाम के आगे स्कोरबोर्ड में रिटायर्ड आउट लिखा जता है।
आईपीएल 2022 में राजस्थान रॉयल्स और लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मैच में रविचंद्रन अश्विन बिना किसी वजह के मैदान से चले गए थे। उनको चोट या अन्य कोई समस्या नहीं थी। रियान पराग को बैटिंग देने के उद्देश्य से अश्विन रिटायर्ड आउट होकर चले गए थे। उनके नाम के आगे रिटायर्ड आउट लिखा गया।
रिटायर्ड आउट मुख्य मैचों में कम देखा जाता है लेकिन अभ्यास मैचों में यह काफी ज्यादा होता है। दूसरी तरफ रिटायर्ड हर्ट होते हुए कई बल्लेबाजों को देखा गया है।