क्रिकेट में काफी समय से बदलाव आ रहे हैं। पहले गेंदबाजों की ज्यादा पिटाई नहीं होती थी, लेकिन आज के समय में बल्लेबाजों की क्षमता इतनी बढ़ गई है कि वो किसी भी गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचाने का माद्दा रखते हैं। इसलिए खास तौर पर स्पिन गेंदबाजों के लिए ये बेहद जरूरी हो गया है कि वो अपनी गेंदबाजी में कुछ नए प्रयोग करें। हम सब जानते हैं कि ऑफ स्पिनर आम तौर पर गेंद को ऑफ स्टंप पर फेंकते हैं और गेंद पिच पर पड़ने के बाद मिडल या लेग स्टंप की ओर स्पिन होती है, लेकिन आज कल बहुत से ऑफ स्पिन गेंदबाज एक अलग तरह की गेंद फेंकते हैं, जिसको “दूसरा” के नाम से जाना जाता है, जहां ऑफ स्पिन गेंद पड़ने के बाद लेग स्टंप की तरफ स्पिन होती है, वहीं “दूसरा” मिडल या लेग स्टंप पर गिरने के बाद ऑफ स्टंप की ओर स्पिन होती है। यह गेंद खास तौर पर बल्लेबाज को चकमा देने के लिए फेंकी जाती है, जिसकी मदद से बल्लेबाज को स्टंपिंग आउट किया जा सके। पूर्व दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन, एस मुश्ताक और बिशन सिंह बेदी ज्यादातर “दूसरा” गेंद का इस्तेमाल किया करते थे और इसी वजह से दुनिया के शानदार बल्लेबाजों के सामने ये सबसे अलग साबित हुए। भारत के स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह और रविचंद्रन अश्विन भी “दूसरा” फेंकते हैं। इतना सब पढ़कर तो ऐसा ही लगता है कि ऑफ स्पिन गेंदबाजों के पास उनकी गेंदबाजी में वेरिएशन के नाम पर ‘दूसरा’ गेंद ही है, लेकिन ऐसा नहीं है। एक नए तरह की गेंद भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डाली जा रही है और इस गेंद का नाम है “जलेबी”। क्या है ये ‘जलेबी’ गेंद? पाकिस्तान के पूर्व स्पिनर एस मुश्ताक ने इंडियन क्रिकेट लीग में अपनी गेंदबाजी में किए हुए वेरिएशन को 'जलेबी' नाम दिया था। इंडियन क्रिकेट लीग में मुश्ताक लाहौर बादशाज़ के खिलाड़ी थे, जिसके कप्तान इंज़माम उल हक़ थे। जलेबी गेंद को ‘तीसरा’ गेंद के नाम से भी जाना जाता है। मुश्ताक ने अनुसार "जलेबी गेंद बाकी गेंदों की तरह स्पिन नहीं होती, जिस एंगल से गेंदबाज इसे छोड़ता है, ये उसी एंगल से बल्लेबाज तक पहुंचती है। इस गेंद को फेंकते समय गेंदबाज के ऐक्शन में किसी तरह का बदलाव नहीं आता, इसलिए बल्लेबाज़ को इस वेरिएशन का अंदाजा नहीं लग पाता।"
सबसे पहले इस गेंद का इस्तेमाल पाकिस्तानी गेंदबाज ने किया था। उस समय श्रीलंका के ऑलराउंडर राल आर्नोल्ड स्ट्राइक पर थे। रसल ही दुनिया के पहले बल्लेबाज थे जो ‘जलेबी’ गेंद पर आउट हुए। रसल अर्नाल्ड को इस गेंद पर अंपायर्स ने एलबीडब्लू आउट करार दिया था। मुश्ताक की माने, तो ये उनकी इजात की हुई गेंद है, लेकिन इस गेंद को लैग स्पिनर्स क्रिकेट की शुरुआत से ही इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसे स्लाइडर के नाम से भी जाना जाता है। सईद अजमल ने साल 2012 में इग्लैंड दौरे पर किया था जलेबी का इस्तेमाल: सईद अजमल ने इग्लैंड के खिलाफ खेली गई टेस्ट श्रृंखला में “तीसरा” गेंद का इस्तेमाल कर सबको चौंकाते हुए शानदार प्रदर्शन किया था। अजमल ने इयोन मॉर्गन को इस गेंद पर अपना शिकार बनाते हुए मैच में 97 रन देकर 10 विकेट अपने नाम किए थे। अजमल के नाम एक रिकॉर्ड भी है, जहां अजमल दुनिया के 5वें गेंदबाज हैं, जिन्होंने एक ही मैच में 7 बल्लेबाजों के एलबीडब्लू आउट किया है। लेखक: रोहन तलरेजा अनुवादक: मोहन कुमार