ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज के लिए भारतीय टीम (Indian Cricket Team) अपनी पूरी तैयारी में जुटी हुई थी। सभी खिलाड़ी पहले मैच के लिए मोहाली भी पहुंच चुके थे कि अचानक खबर आई कि मोहम्मद शमी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं और वो इस सीरीज में नहीं खेलेंगे। अब उनके रिप्लेसमेंट का ऐलान होना बाकी था। सबको लगा कि किसी युवा खिलाड़ी को चांस दिया जाएगा। हालांकि जब रिप्लेसमेंट के तौर पर उमेश यादव के नाम का ऐलान किया गया तो हर कोई हैरान रह गया।
इसकी वजह साफ थी। उमेश यादव ने पिछले 43 महीने से भारत की तरफ से सफेद गेंद की क्रिकेट में भारतीय टीम की जर्सी नहीं पहनी थी। उन्होंने अपना आखिरी टी20 मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के ही खिलाफ 2019 में विशाखापट्टनम में खेला था। वहीं विशाखापट्टनम में ही उन्होंने 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी बार वनडे मैच खेला था। इतने लंबे समय के बाद एक बार फिर उनकी टीम में वापसी हुई है।
भारत के पास उमरान मलिक, मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर और आवेश खान जैसे तेज गेंदबाजों का विकल्प था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने उमेश यादव का ही चयन क्यों किया। आवेश खान हाल ही में एशिया कप में भी खेलते हुए नजर आए थे। वहीं उमरान मलिक भी अपना डेब्यू कर चुके हैं। हालांकि कप्तान रोहित शर्मा ने बताया कि आवेश और सिराज को क्यों नहीं सेलेक्ट किया गया लेकिन इसके बावजूद टीम के पास और ऑप्शन थे। इन युवा प्लेयर्स को दरकिनार कर आखिर क्यों उमेश यादव की वापसी कराई गई और वो भी इतने सालों बाद। इसकी क्या वजह हो सकती है।
आईपीएल में उमेश यादव का प्रदर्शन अच्छा रहा था। आईपीएल 2022 के लिए हुए मेगा ऑक्शन में उमेश यादव को कोलकाता नाइट राइडर्स ने दो करोड़ रुपये के बेस प्राइस पर खरीदा था और उन्होंने सिर्फ 12 मैचों में 16 विकेट हासिल किए थे लेकिन सवाल ये उठता है कि उमेश यादव को टीम में शामिल करने के पीछे का रोडमैप क्या है। क्या उन्हें ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप के लिए बैकअप के तौर पर तैयार किया जा रहा है।
ऑस्ट्रेलिया में अच्छी गेंदबाजी करते हैं उमेश यादव
अगर ऑस्ट्रेलिया में उमेश यादव के वनडे रिकॉर्ड को देखें तो उन्होंने अभी तक 19 मुकाबलों में 28 विकेट लिए हैं और उनका इकॉनमी रेट भी काफी अच्छा रहा है। इससे ये पता चलता है कि ऑस्ट्रेलिया की पिचें उन्हें रास आती हैं। टीम मैनेजमेंट ने वर्ल्ड कप के लिए केवल चार ही तेज गेंदबाजों का चयन किया है और ऑस्ट्रेलिया जैसी पिचों पर शायद उन्हें एक और गेंदबाज की जरूरत पड़े। इसीलिए उमेश यादव को तैयार किया जा रहा है।
वहीं एक वजह ये भी हो सकती है कि मोहम्मद शमी को टी20 वर्ल्ड कप के लिए रिजर्व प्लेयर के तौर पर टीम में जगह मिली थी। हालांकि कुछ दिनों पहले बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा था कि टीम शमी को अब टी20 में नहीं खिलाना चाहती है। ऐसे में अगर शमी आगे टी20 वर्ल्ड कप से भी बाहर होते हैं तो उमेश यादव को उनकी जगह मौका दिया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में वनडे में उनके आंकड़े बेहतर हैं। हालांकि उमेश यादव को अभी तक सिर्फ 7 ही टी20 इंटरनेशनल खेलने का अनुभव है लेकिन उनके ओवरऑल एक्सपीरियंस और आईपीएल के परफॉर्मेंस को महत्व दिया गया है।