दिल्ली डेयरडेविल्स
दिल्ली ने युवा और अनुभवी खिलाड़ियों से भरी हुई एक बेहतरीन टीम बनाई थी लेकिन अंततः वह इस सीज़न में भी पॉइंट टेबल में सबसे निचले स्थान पर रहे। उनके विदेशी बल्लेबाजों की विफलता इसका मुख्य कारण बनी। जेसन रॉय ने एक मैच में मैच जिताऊ पारी खेली थी, जबकि कॉलिन मुनरो का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। ग्लेन मैक्सवेल तो इतने निष्प्रभावी थे कि उनका टीम में होना या ना होना एक जैसा था। विश्वस्तरीय खिलाड़ियों की विफलता की वजह से सारा बोझ युवा और अनुभवहीन भारतीय बल्लेबाज़ों पर आ गया, जिन्होंने दबाव में खेलना अभी सीखा नहीं है। चालू सीज़न के बीच में कप्तान बदलने से भी दिल्ली के दिन नहीं बदले। अमित मिश्रा और खासकर नेपाली युवा गेंदबाज़ संदीप लामिछाने को भी अपनी क्षमता दिखाने का पर्याप्त मौका नहीं मिला। हालांकि, दिल्ली के लिए इस सीज़न में काफी अच्छी बातें भी रहीं, और अगर क्रिस मॉरिस और कगिसो रबाडा चोटिल होकर टीम से बाहर ना होते तो शायद परिणाम कुछ अलग ही होता। लेखक: जयेश सिन्हा अनुवादक: आशीष कुमार