13 जनवरी से अंडर 19 वर्ल्ड कप की शुरुआत हो जाएगी, ये प्रतियोगिता 3 फरवरी तक चलेगी। न्यूजीलैंड तीसरी बार इसका आयोजन कर रहा है। इसमें 16 टीमें भाग लेंगी, जिन्हें 4 ग्रुपों में बांटा गया है। ग्रुप A में न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, केन्या और वेस्टइंडीज की टीमें शामिल हैं। ग्रुप B में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, पपुआ न्यू गिनी और ज़िम्बाब्वे की टीमें शामिल हैं। ग्रुप C में कनाडा, इंग्लैंड, बांग्लादेश और नामीबिया की टीमें शामिल हैं। वहीं ग्रुप D में श्रीलंका, अफगानिस्तान, आयरलैंड और पाकिस्तान की टीमें शामिल हैं। इस बार कई मजबूत टीमें होने के कारण इसके बेहद रोमांचक होने की आशा है। इस बार के दावेदारों की बात करें तो हमेशा की तरह 3-3 बार की चैम्पियन भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें तो प्रबल दावेदार हैं ही साथ ही पूर्व चैम्पियन दक्षिण अफ्रीका और मेज़बान न्यूजीलैंड का दावा भी कम मजबूत नहीं है। वैसे निवर्तमान चैम्पियन वेस्टइंडीज और पूर्व चैम्पियन इंग्लैंड और पाकिस्तान का दावा भले ही उतना प्रबल न हो, पर इनके दावों को पूरी तरह खारिज भी नहीं किया जा सकता। वैसे इस बार की अंडर 19 एशिया कप विजेता अफगानिस्तान के प्रदर्शन पर सबको नज़र रखनी चाहिए, मेरा आंकलन है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत में तेजी से उभरती ये टीम भले ही इस बार चैम्पियन न बन पाए, लेकिन कई टीमों के चैम्पियन बनने के सपने जरूर तोड़ेगी और इस बार नॉक ऑउट दौर में पहुंचने में सफल रहेगी। ग्रुपों का आंकलन करें तो ग्रुप A एक कठिन ग्रुप है। इसे ग्रुप ऑफ डेथ भी कह सकते हैं। इस ग्रुप में किसी भी टीम के लिए अगले राउंड में जगह बनाना आसान नहीं होगा। मेज़बान न्यूजीलैंड, निवर्तमान चैम्पियन वेस्टइंडीज और पूर्व चैम्पियन दक्षिण अफ्रीका की मजबूत टीमों में से कोई दो ही अगले दौर में जा पाएंगी इसलिए इन तीनों के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिलेगा। इस ग्रुप की चौथी टीम केन्या के अगले दौर में पहुंचने की संभावनाएं तो क्षीण नज़र आ रही हैं, लेकिन अपना दिन होने पर वो किसी भी टीम को हराकर बाकी टीमों का समीकरण बिगाड़ने में सक्षम है। अगर ग्रुप B की बात करें तो इस ग्रुप से खिताब की प्रबल दावेदार और पूर्व चैम्पियन टीमों भारत और ऑस्ट्रेलिया का अगले दौर में पहुंचना लगभग तय है। इस ग्रुप की एक और टीम पपुआ न्यू गिनी से ज्यादा कुछ अपेक्षाऐं नहीं हैं, लेकिन ग्रुप की चौथी टीम जिम्बाब्बे जरूर ऑस्ट्रेलिया या इंडिया के लिए कुछ मुश्किलें खड़ी कर सकती है। बात अगर C ग्रुप की करें तो इस ग्रुप से अगले दौर से पहुँचने में इंग्लैंड और बांग्लादेश की टीमों को कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। क्योंकि ग्रुप की बाकी दो टीमों कनाडा और नामीबिया को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का ज्यादा अनुभव नहीं है। अतः उनसे अच्छे प्रदर्शन की ज्यादा अपेक्षा भी नहीं है। चौथे ग्रुप D में रोचक संघर्ष देखने को मिलेगा इसकी पूरी सम्भावना है, इस ग्रुप से इस बार की अंडर 19 एशिया कप चैम्पियन अफगानिस्तान की टीम के अगले दौर में पहुंचने की पूरी आशा है। इस ग्रुप से अगले दौर में पहुंचने वाली दूसरी टीम पूर्व विजेता पाकिस्तान, पूर्व रनर अप श्रीलंका और उभरती हुई टीम आयरलैंड में से कोई भी हो सकती है। वैसे अगले दौर के लिए पाकिस्तान टीम का दावा ज्यादा मजबूत है, लेकिन आयरलैंड भी सभी को चौंका कर उलटफेर करने में सक्षम है। वैसे पूर्व उपविजेता श्रीलंका की टीम से इस बार कोई खास अपेक्षा नहीं की जा रही है। अगर बात की जाए भारतीय टीम की जीत की सम्भावनाओं की तो उभरते हुए बल्लेबाज पृथ्वी शॉ के अगुवाई वाली इस टीम से क्रिकेट फैन्स को बहुत आशाएं हैं। टीम के कोच राहुल द्रविड़ का मार्गदर्शन टीम में नई जान फूंक देता है। द्रविड़ जैसे महान खिलाड़ी का टीम के साथ होना नये प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को प्रेरणा देता है। टीम इंडिया में इस बार भी कई होनहार खिलाड़ी शामिल हैं, जिनमें टीम को पुनः चैम्पियन बनाने की क्षमता है। बल्लेबाजी में कप्तान पृथ्वी शॉ पर टीम की सफलता का बहुत ज्यादा दारोमदार रहेगा। वहीं गेंदबाजी में ईशान पोरल टीम की बागडोर सम्भालेंगे। कमलेश नगरकोटि, हिमांशु राणा और पूर्व कप्तान अभिषेक शर्मा ऑल राउंडर के तौर पर नज़र आएंगे। विश्व कप में खेलने वाली भारतीय टीम इस प्रकार है- पृथ्वी शॉ (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), हारविक देसाई (विकेट कीपर), आर्यन जुयाल (विकेट कीपर), मनजोत कालरा, शिवम मावी, कमलेश नगरकोटि, रियान पराग, हिमांशु राणा, ईशान पोरल, अंकुल रॉय, अर्शदीप सिंह, अभिषेक शर्मा, पंकज यादव और शिवा सिंह। भारतीय टीम का अंडर 19 वर्ल्ड कप में अधिकांश अवसरों पर प्रदर्शन अच्छा ही रहा है। वर्ष 2000 में मौहम्मद कैफ के नेतृत्व में, वर्ष 2008 में विराट कोहली के नेतृत्व में और वर्ष 2012 में उन्मुक्त चांद के नेतृत्व में 3 बार की चैम्पियन इंडिया के पास खिताब अपने नाम करने के 2 और अवसर भी हाथ लगे थे। जब फाइनल मैच में बल्लेबाजों की नाकामी के कारण टीम ने जीत के सुनहरे अवसर गंवा दिये। हमेशा ही क्रिकेट जगत को नये स्टार देने वाली इस प्रतियोगिता में इस बार ऑस्ट्रेलियन टीम में महान खिलाड़ी स्टीव वॉ के पुत्र ऑस्टिन वॉ और जेम्स सदरलैंड के पुत्र विल सदरलैंड आकर्षण का केंद्र रहेंगे, वहीं दक्षिण अफ्रीका की टीम में शामिल पूर्व तेज गेंदबाज मखाया नटिनी के पुत्र थांडो नटिनी के प्रदर्शन पर भी सभी की निगाहें रहेंगी। टीम इंडिया का भविष्य माने जाने वाले पृथ्वी शॉ का प्रदर्शन भी जबरदस्त रहने की सम्भावना है।