भारत के खिलाफ एशिया कप फाइनल में बांग्लादेशी खिलाड़ी लिटन दास ने अपनी बल्लेबाजी से सभी को अपना मुरीद बना लिया। मुकाबला भले ही भारत के नाम रहा हो, लेकिन मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड लिटन दास को दिया गया। इसकी वजह उनकी 117 गेंदों में 121 रनों की पारी रही। उन्होंने अपनी पारी में 12 चौके और 2 छक्के जड़े। वहीं बांग्लादेश में भी लिटन अपनी बल्लेबाजी की वजह से चर्चा का विषय बने हुए हैं। बांग्लादेशी प्रशंसक लिटन की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं, लेकिन तीन साल पहले लिटन को इन्हीं फैन्स ने सोशल मीडिया पर बुरी तरह से ट्रोल किया था।
यह घटना अक्टूबर 2015 की है। दरअसल, लिटन मां दुर्गा के बहुत बड़े भक्त हैं और वह हर साल दूर्गा पूजा धूमधाम से मनाते हैं। साल 2015 में जब उन्होंने फेसबुक पर पूजा के बाद वाली अपनी तस्वीरें शेयर अपने फैंस को दुर्गा पूजा की शुभकामनाएं दी थीं लेकिन कुछ यूजर्स ने उन्हें निशाना बनाया था। एक यूजर ने तो उन्हें इस तरह की धार्मिक पोस्ट शेयर ना करने की हिदायत दे डाली थी। वहीं एक अन्य यूजर ने उनसे इस पोस्ट को हटाने के लिए कहा था। अपने तर्क में उस यूजर का कहना था कि इस्लाम में मूर्ति पूजा को स्थान नहीं है। बाद में विवाद बढ़ने पर दास ने पोस्ट डिलीट करते हुए लिखा था 'मेरी पहली पहचान यह है कि मैं बांग्लादेशी हूं और धर्म हमें बांट नहीं सकता।'
बांग्लादेश में रह रहे हिंदूओं को लेकर अक्सर इस तरह की खबरें आती रहती हैं। वहां रहने वाले हिंदूओं को हीन भावना से देखा जाता है। दुर्गा पूजा के मौके पर लिटन को इस तरह की तस्वीरें शेयर नहीं करने की हिदायत दी गई थी। फैन्स ने उन्हें खूब बुरा-भला कहा था।
बता दें कि भारत के खिलाफ वनडे में शतक जड़कर लिटन ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किये हैं। किसी भी फाइनल मैच में बांग्लादेश की ओर से शतक जड़ने वाले लिटन पहले खिलाड़ी बने। साथ ही लिटन किसी टूर्नामेंट के फाइनल में हारने वाली टीम से ताल्लुक रखने के बावजूद मैन ऑफ द मैच हासिल करने वाले पांचवे खिलाड़ी बने हैं।