2006 की ACC कप के दौरान नेपाल ने इतिहास रचा था जब उन्होंने एक अधिकारिक मैच में म्यांमार को सिर्फ दो गेंद खेलकर ही हरा दिया था। म्यांमार ने उनके सामने जीत के लिए सिर्फ 11 रनों का लक्ष्य रखा था।
उस समय नेपाल की टीम काफी मजबूत मानी जाती थी और अफ़ग़ानिस्तान से भी बढ़िया प्रदर्शन कर रही थी। वहीँ म्यांमार के पास क्रिकेट के कोई अनुभव नही था। क्रिकेट जगत में म्यांमार का नाम 2004 में पहली बार सुना गया था और 2006 में वो पहली बार किसी टूर्नामेंट में उतरे थे।
उस समय नेपाल डिवीज़न 3 में थी और अभी काफी मजबूत मानी जाने वाली अफ़ग़ानिस्तान की टीम उनसे कहीं नीचे डिवीज़न 5 में थी। म्यांमार को उस टूर्नामेंट में हांगकांग ने भी बुरी तरह हराया था। हांगकांग के 442 के जवाब में म्यांमार 20 रन ही बना सकी थी।
नेपाल के साथ हुए मैच में म्यांमार को पहले बल्लेबाजी का निमंत्रण मिला। पहली ही गेंद पर उनका विकेट गिरा। दूसरे ओवर की समाप्ति के बाद म्यांमार का स्कोर 4/4 हो गया था। 21 गेंदों की लम्बी साझेदारी के बाद फिर से विकेटों के गिरने का सिलिसिला शुरू हुआ। तीन गेंदों के अन्दर दो विकेट गिर गए। 12.1 ओवर में म्यांमार की पूरी टीम 10 रन बनाकर आउट हो गई। नेपाल की तरफ से महबूब आलम ने 7 विकेट लिए।
लक्ष्य का पीछा करनें उतरी नेपाल की टीम ने पहले दो गेंदों पर 3-3 रन लिए। उसके बाद गेंदबाज अये मिन थान ने दो गेंदें वाइड फेंकी। उन्होंने तीसरी गेंद भी वाइड ही फेंकी जिसे विकेटकीपर पकड़ नही सके और बल्लेबाजों ने रन लेकर नेपाल को सिर्फ 2 गेंदों में जीत दिलवा दी। इस जीत के साथ ही नेपाल ने एक ऐसा विश्व रिकॉर्ड बनाया जिसका टूटना शायद असंभव है।