राशिद खान क्रिकेट की दुनिया में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उनकी प्रतिभा सिर्फ घरेलू टूर्नामेंट में ही देखने को नहीं मिलती बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी गेंदबाजी की परख हो चुकी है। आईसीसी द्वारा जारी टी20 रैकिंग के अनुसार वह खेल के इस छोटे प्रारूप के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं। साथ ही वे एकदिवसीय क्रिकेट के दूसरे सबसे बेहतरीन गेंदबाज हैं। ये रैंकिंग उनकी प्रतिभा का ही प्रमाण हैं। हालांकि कैरियर के शुरुआती दिनों में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था। वे इन दिनों आईपीएल के चमकते हुए सितारे हैं लेकिन दो साल पहले चोटी की टीमें उन्हें अपने साथ जोड़ने के लिए तैयार नहीं थीं। अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व गेंदबाजी कोच लालचंद राजपूत बताते हैं ' जब मैंने अफ़ग़ानिस्तान को कोचिंग देना शुरू किया , तब मेरी मुलाकात अंडर- 19 टीम के गेंदबाज राशिद खान से हुई। वे स्वाभाविक रूप से प्रतिभाशाली थे , उनकी बांह में स्पीड थी और गेंदबाजी का तरीका भी अलग था। कोच लालचंद राजपूत ने उनकी प्रतिभा को पहचान कर निखारा और मेगा टी20 टूर्नामेंट में उनका पर्दापण कराया। लालचंद राजपूत चाहते थे कि राशिद को आईपीएल में भी खेलने का मौका मिले। इसी को देखते हुए उन्होंने वीरेंद्र सहवाग को फोन कर राशिद के बारे में जानकारी दी लेकिन सहवाग ने यह कहकर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया कि ' हमारे पास पहले से प्रतिभावान लेग स्पिनर के रूप में अक्षर पटेल मौजूद हैं। हमें एक ऑल राउंडर की जरूरत है।' इसके बाद लालचंद राजपूत ने केकेआर के खेमे में राशिद की सिफारिश की लेकिन वहां भी सुनील नारेन और कुलदीप यादव के रूप में स्पिन गेंदबाज के रहते राशिद खान को खारिज़ कर दिया गया। फिर उन्होंने हैदराबाद कैम्प का रुख किया जहां वीवीएस लक्ष्मण ने ना केवल राशिद की प्रतिभा को पहचाना बल्कि अगले वर्ष नीलामी में टीम में शामिल कर लिया। राशिद खान अब तक आईपीएल के 31 मैचों में 38 विकेट ले चुके हैं।