जसप्रीत बुमराह आज भारतीय क्रिकेट का चमकता सितारा है। आज सीमित ओवेरों के खेल में वो भारत के सबसे महत्वपूर्ण गेंदबाज हैं और कुछ ही वर्षों में उन्होंने यह नाम कमाया है। आईपीएल 2014 में मुंबई इंडियंस ने जब बुमराह को 1.2 करोड़ों में खरीदा तो सभी को आश्चर्य हुआ पर अपनी योर्कर गेंदों से बुमराह ने सभी का दिल जीत लिया और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाबजूद आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बुमराह के दादाजी ऑटो चलाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तराखंड के उद्धम सिंह नगर जिले में रहने वाला संतोक सिंह बुमराह टेम्पो चला कर अपना जीवन-यापन कर रहे हैं और वहां किराये के मकान में रहते हैं। बात 2001 की है जब जसप्रीत के पिता जसवीर सिंह की मृत्यु को गयी तो उनकी मां ने परिवारिक दिक्कतों की वजह से घर से अलग हो गयी थी। स्कूल में प्रधानाध्यापिका बुमराह की मां ने अपने दम पर 7 साल के बुमराह का भारण-पोषण किया, इस वजह से वो यहां तक पहुंच पाए हैं। संतोक सिंह ने बताया "2001 में बेटे की मौत के बाद बिजनेस चलाने वाला कोई नहीं बचा था। मैं इतना बुढा हो गया था कि मुझसे फैक्ट्री का काम नहीं सम्भला, तो मैं सब कुछ बेच कर यहां आ गया"। उत्तराखंड जाने के बाद संतोक सिंह ने 4 ऑटो खरीदे और उसी से अपना जीवन यापन करने लगे लेकिन वहां भी उन्होंने जैसा सोचा वैसे हुआ नहीं और फिर से काफी घाटा हो गया।
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बुमराह ने 2016 ने अपने अन्तर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत की और जल्द ही अपने अंतिम के ओवेरों में लगातार योर्कर फेकने की काबिलियत की वजह से भारतीय टीम के प्रमुख गेंदबाज बन गये। अपने पदार्पण वर्ष 2016 में ही बुमराह ने टी20 में सबसे ज्यादा 28 शिकार किये और आज टी20 गेंदबाजी रैंकिंग में वो दुसरे स्थान पर हैं। पोता भारतीय क्रिकेट का चमकता सितारा हो और उसके दादा का इस हालात में होना काफी दुःख की बात है। आम लोगों की तरह आज तक संतोक सिंह ने जसप्रीत को सिर्फ टीवी पर ही खेलते हुए देखते पाते हैं और उनकी चाहत है कि वो अपने पोते को एक बार गले लगा सकें। जसप्रीत बुमराह अन्तर्राष्ट्रीय मैचों और उनकी तैयारीयों में व्यस्त हैं और शायद वो अपने दादा के हालात से अनजान ही हैं। उम्मीद की जा सकती है कि जैसे ही उन्हें यह सब पता चले वो अपने दादा की मदद करेंगे।