अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में देखा जाता है कि बेस्ट खेलने वाले खिलाड़ी को मैच का बेस्ट प्लेयर मानते हुए इनाम दिया जाता है। कई बार उम्मीद नहीं होती, उसे भी प्लेयर ऑफ़ द मैच का खिताब मिल जाता है। फैन्स भी अपने फेवरेट को प्लेयर ऑफ़ द मैच का इनाम मिलने का इंतजार करते हैं।
ज्यादातर मौकों पर देखा जाता है कि जीत दर्ज करने वाली टीम का खिलाड़ी प्लेयर ऑफ़ द मैच का पुरस्कार प्राप्त करता है। इसके अलावा कई बार ऐसा भी देखा गया है कि टीम की हार के बाद भी उसके खिलाड़ी को बेस्ट खिलाड़ी घोषित कर दिया जाता है। भले ही जीतने वाली टीम से भी किसी ने धाकड़ प्रदर्शन किया हो लेकिन हारने वाली टीम का खिलाड़ी बेस्ट माना जाता है।
ऐसे में मन में सवाल यह आता है कि प्लेयर ऑफ़ द मैच का चयन कौन करता है। इसका जवाब यही है कि प्लेयर ऑफ़ द मैच का चयन वे लोग करते हैं जिन्होंने पूरे मैच को अच्छी तरह देखा हो और विश्लेषण किया हो। कमेंटेटर की नज़रें पूरे मैच पर हर समय बनी रहती हैं और उनसे बेहतर कोई नहीं बता सकता कि मैच के किस पल में क्या हुआ था। ऐसे में प्लेयर ऑफ द मैच को चुनने का अधिकार उनको दिया जाता है। आपसी सहमति या वोटिंग के आधार पर कमेंट्री बॉक्स के लोग दोनों टीमों में से धाकड़ खेलने वाले खिलाड़ी का चयन करते हैं।
कई बार खिलाड़ी के प्रदर्शन का इम्पैक्ट देखा जाता है। इसमें यह देखा जाता है कि मुश्किल स्थिति में प्रदर्शन किसने बेहतर किया और किस खिलाड़ी की वजह से मैच पलट गया। इसके अलावा हारने वाली टीम से अगर कोई खिलाड़ी अकेला जीत के करीब टीम को लेकर चला जाता है, तो उसको भी सराहना मिलती है और प्लेयर ऑफ़ द मैच भी मिलते देखा गया है। कई बार फील्डर्स को भी यह अवार्ड मिला है।