टीम इंडिया में नंबर 4 की पोजीशन के लिए बेहतर कौन?

इन दिनों भारतीय टीम हर फार्मेट में शानदार प्रदर्शन कर रही है, ऐसा लग रहा है मानो टीम में सब कुछ बढ़िया चल रहा है, टीम के प्रत्येक खिलाडी की भूमिका निर्धारित हो गयी है। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है, शानदार प्रदर्शन के बावजूद भी टीम इंडिया को एक चिंता अभी भी खाये जा रही है और वो है नंबर चार की महत्वपूर्ण पोजीशन पर कौन सा खिलाडी सबसे उपयुक्त रहेगा? टीम अभी तक ये तय नहीं कर सकी है कि कौन सा खिलाडी इस पोजीशन के लिए सबसे बेहतर रहेगा? पिछले कुछ समय में नंबर 4 पोजीशन पर कई खिलाडियों को आजमाया जा चुका है, इनमें केदार जाधव, के. एल. राहुल, मनीष पांडे, अजिंक्य रहाणे, दिनेश कार्तिक, हार्दिक पांड्या, एम. एस. धोनी, युवराज सिंह आदि शामिल हैं । लेकिन इनमें से कोई भी खिलाडी इस स्थान के लिए अभी तक अपनी जगह पक्की नहीं कर पाया है? हालांकि इस समस्या के लिए सिर्फ खिलाडी ही दोषी हों, ऐसा नहीं है इस स्थिति के लिए इन खिलाडियों के साथ-साथ टीम मैनेजमेंट भी कहीं न कहीं जिम्मेदार है! क्योंकि एक- दो खिलाडियों को छोड़कर किसी भी खिलाड़ी को इस स्थान पर खेलने के लगातार मौके नहीं दिए गये हैं। इस पोजीशन पर किसी भी खिलाडी के एक दो मैच में असफल होते ही टीम इंडिया इस पोजीशन पर दूसरे खिलाड़ी को खिलाने का प्रयोग शुरू कर देती है। भविष्य में कौन सा खिलाडी नंबर 4 की पोजीशन के लिए बेहतर रहेगा? इसके लिए सभी संभावित खिलाडियों का हम एक-एक करके आंकलन करते हैं l सबसे पहले बात करते हैं के. एल. राहुल की, वैसे तो राहुल एक नियमित ओपनर हैं, लेकिन इस समय ओपनर के तौर पर हालिया प्रदर्शन के आधार पर रोहित शर्मा और शिखर धवन टीम की पहली पसंद बने हुए हैं, इसके अलावा टीम के नियमित सदस्य होने और मौका मिलने पर अच्छे प्रदर्शन के कारण अजिंक्य रहाणे टीम में वैकल्पिक ओपनर के तौर पर मौजूद हैं । यही कारण है कि राहुल की ओपनर के तौर पर अभी टीम में जगह नहीं बनती है! लेकिन उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें इस समय खाली पड़े नंबर 4 की पोजीशन पर आजमाकर देखा गया था, लेकिन अभीतक वो इस मौके का फायदा उठाने में असफल रहे हैं अतः इस पोजीशन के लिए उनका दावा कमजोर हुआ है। इस पोजीशन पर खेलने वाले मध्यमक्रम के बल्लेबाज मनीष पांडे और केदार जाधव भी अभी तक इस पोजीशन के साथ न्याय नहीं कर पाए हैं। मनीष पण्डे ने कुछ अच्छी पारियाँ जरूर खेलीं हैं, लेकिन उनके प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव रहा है। लगभग यही बात केदार जाधव पर भी लागू होती है, बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी में कुछ ओवर डालकर विकेट लेने और हार्दिक पांड्या के साथ मिलकर टीम के पांचवे गेंदबाज की भूमिका निभाने के कारण वो टीम का नियमित हिस्सा जरूर हैं लेकिन गेंद के मुकाबले बल्लेबाजी में उनके प्रदर्शन में निरंतरता नहीं दिखी है। प्रदर्शन में निरंतरता नहीं होने के कारण ही टीम में शामिल होने पर भी मनीष पांडे और केदार जाधव इस पोजीशन पर नियमित रूप से नहीं खिलाये जा रहे हैं। हार्दिक पांड्या और एम. एस. धोनी को भी इस पोजीशन पर खेलने के कुछ मौके मिले हैं, लेकिन ये प्रयोग भी कुछ अवसरों पर ही टीम के काम आ पाया है। वैसे भी लगता है कि टीम की जरूरत के अनुसार तो कभी-कभार हार्दिक पांड्या या एम. एस. धोनी को इस पोजीशन पर खिलाया जा सकता है, किन्तु इस पोजीशन पर निरंतर खिलाने के लिए ये दोनों खिलाडी उपयुक्त नहीं हैं ! इनका उपयुक्त रोल फिनिशर के तौर पर ही हैं। वैसे टीम से बाहर चल रहे गौतम गंभीर, युवराज सिंह और सुरेश रैना के दावे को भी नकारा नहीं जा सकता? लेकिन इनदिनों फार्म युवराज और रैना से रूठी हुई है। हालिया घरेलू क्रिकेट में भी इन दोनों खिलाडियों का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा है l इस समय तो किस्मत इन दोनों का बिल्कुल भी साथ नहीं दे रही है? बात कि जाए यदि गौतम गंभीर की तो उनके साथ भी के. एल. राहुल वाली ही समस्या है! क्योंकि वो भी राहुल की तरह मूलतः ओपनर ही हैं, हालांकि उनके पक्ष में जो बात जाती है, वो ये है कि उन्होंने पहले भी वर्ष 2011 के विश्व कप में इस पोजीशन पर बल्लेबाजी की है, और उनका प्रदर्शन भी संतोषजनक ही रहा था। लेकिन विराट कोहली के साथ आईपीएल में हुआ विवाद और बढ़ती उम्र उनकी वापसी की राह में रोड़ा बन सकती है? इसके अतिरिक्त इस स्थान पर खिलाये गए एक अन्य खिलाडी दिनेश कार्तिक का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है, लेकिन जो बात उनके खिलाफ जाती है वो ये है कि काफी समय से वो टीम का नियमित रूप से हिस्सा नहीं रहे हैं, टीम में उनका लगातार आना-जाना लगा रहा है। इस पोजीशन पर खिलाये गए अजिंक्य रहाणे का प्रदर्शन अन्य खिलाडियों की तुलना में अच्छा रहा है । उनके पक्ष में ये बात भी जाती है कि वो लम्बे समय से टीम का नियमित रूप से हिस्सा भी हैं । अतः इस पोजीशन के संभावित खिलाडियों की तुलना के आधार पर ये माना जा सकता है कि वर्तमान समय में नंबर 4 की पोजीशन के लिए अजिंक्य रहाणे ही सम्भवतः सबसे उपयुक्त खिलाडी दिखाई हैं ! वैसे उपयुक्त अवसर नहीं मिलने और अवसर मिलने पर संतोषजनक प्रदर्शन के आधार पर दिनेश कार्तिक का दावा भी मजबूत माना जा सकता है। फिर भी आने वाले मैचों में भी यदि किसी खिलाडी को लगातार अवसर देने के स्थान पर प्रयोग जारी रहा और कोई भी खिलाडी इस पोजीशन पर फिट नहीं हो पाया तो फिर इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि खुद कप्तान विराट कोहली नंबर तीन के स्थान पर किसी और खिलाडी को मौका देकर खुद नंबर चार पर खेलें। वैसे भविष्य को ध्यान में रखकर इस स्थान पर करुण नायर, ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर जैसे किसी प्रतिभाशाली युवा खिलाडी को भी आजमाया जा सकता है। -काफिर चंदौसवी (पुनीत शर्मा)