जब चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने मंगलवार की सुबह बल्लेबाजी करना शुरू की तब लगा कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के सामने 230 रन के करीब का लक्ष्य रखेगी। हालांकि ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड की कुछ और ही योजना तैयार थी, जिन्होंने भारतीय बल्लेबाजों को जल्दी-जल्दी ऑलआउट कर दिया। बैंगलोर के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में चौथे दिन इशांत शर्मा आउट होने वाले भारतीय टीम के आखिरी बल्लेबाज रहे और इसकी मदद से मेजबान टीम ने कंगारुओं के सामने 188 रन का लक्ष्य रखा। फिर इशांत शर्मा ने मैट रेनशॉ को आउट करके भारतीय टीम को पहली सफलता दिलाई जबकि अश्विन ने वॉर्नर को पवेलियन चलता किया। जब उमेश यादव की गेंद पर स्टीव स्मिथ को LBW आउट किया तब ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 74/4 था। विराट कोहली और उनकी टीम को पता था कि यहां से वह मैच जल्दी जीत सकते हैं। मिचेल मार्श और पीटर हैंड्सकोंब के बीच छोटी साझेदारी की, लेकिन चायकाल से पहले दो विकेट और गिर गए तथा ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 101/6 हो गया। ब्रेक के बाद अश्विन ने जडेजा की मदद से ऑस्ट्रेलिया को जल्दी समेट दिया और भारत ने यह मैच 75 रन से जीतते हुए सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली। रोमांचक मैच में जीत दर्ज करने के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा, 'पहले टेस्ट में करारी हार के बाद हम वापसी करना चाहते थे। यह जीत किसी को दिखाने के लिए नहीं बल्कि खुद को साबित करने के लिए जरुरी थी। हमारे खिलाड़ियों ने दर्शाया कि वह किसी भी परिस्थिति से उबरकर मैच जीत सकते हैं। यह पूरा मामला जिम्मेदारी उठाने का था। जिस तरह दर्शकों के साथ मिलकर हमने अपनी मेहनत की, वो अविश्वसनीय है। जिस पल ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज दूसरी पारी में बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम लगे, हमे लगा कि जीत का मौका है। हमें पता था कि 150 के ऊपर का स्कोर प्रतिस्पर्धी होगा, जिसमें जीत के अवसर मौजूद थे। ऑस्ट्रेलिया की बढ़त उतारने के बाद रहाणे और पुजारा ने चैंपियन साझेदारी की। दो सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाज हमारे पास हैं। ऋद्धिमान साहा की अंत में पारी काफी लाभदायक साबित हुई। हमें लगा था कि 200 से ऊपर के लक्ष्य में हम स्पष्ट विजेता बनेंगे। मगर जब हमारा स्कोर 187 रन का रहा तो हमें पता था कि फील्डिंग में अपना सबकुछ झोंकना होगा। हम आज ही मैच समाप्त करना चाहते थे। अब रांची टेस्ट के लये इंतजार नहीं कर सकते। हम इस लय को बरक़रार रखना चाहेंगे। अब हमारी टीम पीछे मुड़कर नहीं देखेगी।' वहीं ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने कहा, 'शानदार टेस्ट मैच रहा। मेरी टीम ने जिस तरह खेला, उस पर मुझे गर्व है। रहाणे और पुजारा के बीच की साझेदारी से हमें नुकसान हुआ। भारतीय टीम ने शानदार खेल दिखाया जबकि हम उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके। मैच में तेजी से कई उतार-चढ़ाव आए और ऑफ़स्टंप के बाहर रफ़ से भी काफी परेशानी हुई। टेस्ट क्रिकेट आसान नहीं है। इस तरह के विकेट पर अंपायरों को कई कॉल लेना होते हैं। हर किसी से गलती होती है। मैं ये नहीं कह रहा कि मैंने गलती की। सीरीज अभी भी जीवित है। शुरुआती दो टेस्ट शानदार रहे। रांची में खेलने का इंतजार है।' दोनों पारियों में अर्धशतक लगाकर मैन ऑफ़ द मैच बनने वाले लोकेश राहुल ने कहा, 'जिस तरह मैंने प्रदर्शन किया, उससे बेहतर जगह और कोई नहीं हो सकती। पहले टेस्ट में हार के बाद यहां आकर जो किया वो बहुत बहुत विशेष है। मैंने अपना पूरा क्रिकेट यहां खेला है। मैंने कहा था कि अगर 150 रन की बढ़त हासिल की तो 30 रन से मैच जीत जाएंगे। हमें पता था कि तीसरा दिन बल्लेबाजी के लिए सर्वश्रेष्ठ है। एक समय था जब लोग कह रहे थे कि 20 रन का स्कोर पार करने के साथ ही मेरा शतक लगाना पक्का हो जाता है। यह एक समस्या था। अब अगर मैं अर्धशतकीय पारी खेलूं तो भी समस्या है। गंभीर रूप से कहूं तो मैं थोड़ा निराश हूं। ओपनर्स को बड़ी पारी खेलने की जरुरत है। मैं निराश था, लेकिन टेस्ट जीतने के साथ ही यह निराशा दूर हो गई। मेरे कंधे में काफी चोट है, जिसकी वजह से मैं गोता नहीं लगा सकता और अपने शॉट पर भी काबू करना होता है। मैं बल्लेबाजी करने के लिए तैयार हूं। समस्या में बल्लेबाजी करने में मुझे मजा आता है।' विश्व के दिग्गज क्रिकेटरों ने भारतीय टीम की जीत पर इस तरह प्रतिक्रियाएं व्यक्त की :