भारतीय खेल प्रेमियों के बीच क्रिकेट की लोकप्रियता का मुकाबला शायद ही कोई अन्य खेल कर पाए। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय दल के एथलीट विभिन्न खेल स्पर्धाओं में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं लेकिन हर 4 साल में जब भी ओलंपिक खेलों का आयोजन होता है तो क्रिकेट प्रेमी एक बार जरूर सोचता है कि जो खेल दक्षिण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जैसे देशों में इतना लोकप्रिय है, उसे आखिर ओलंपिक में जगह क्यों नहीं मिलती?
इतिहास की बात करें तो ऐसा नहीं है कि ओलंपिक खेलों में कभी क्रिकेट को जगह मिली ही नहीं। 1896 के प्रथम आधुनिक ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल किया जाना तय था और यह इकलौता टीम इवेंट होता, लेकिन कम प्रतिस्पर्धियों के कारण इवेंट हुआ नहीं। इसके बाद साल 1900 के पेरिस ओलंपिक में क्रिकेट को जगह मिली थी जिसमे केवल ब्रिटेन और फ्रांस की टीमों ने भाग लिया था और गोल्ड ब्रिटेन ने जीता था। क्योंकि क्रिकेट का प्रारूप लंबा था, दिनों-दिन मैच चलते थे, इसलिए आगे चलकर किसी ओलंपिक खेल में इसे शामिल नहीं किया गया।
वैसे बात सिर्फ समय की नहीं है। क्रिकेट के खेल में विभिन्न टीमें प्रतिभाग करती हैं, जिनका प्रारूप ओलंपिक से नहीं मिलता। जैसे क्रिकेट में वेस्टइंडीज की टीम खेलती है जो असल में कई कैरेबियाई द्वीप देशों के खिलाड़ियों से मिलकर बनती है जबकि ओलंपिक में यह देश जैसे जमैका, त्रिनिदाद-टोबेगो, आदि अलग-अलग प्रतिनिधित्व करते हैं। इसी तरह ओलंपिक में इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स एक साथ ग्रेट ब्रिटेन के ध्वज तले भाग लेते हैं जबकि क्रिकेट के मैदान में स्कॉटलैंड और इंग्लैंड की टीमें अलग-अलग हैं। लेकिन इससे भी बड़ा कारण यह रहा कि इतने सालों में भी क्रिकेट ओलंपिक में शामिल नहीं हो सका था क्रिकेट के दो सबसे बड़े बोर्ड BCCI (Board of Cricket Control in India) और ECB (England and Wales Cricket Board) का समर्थन जो इस कार्य में पहले मिल न सका।
2008 के बीजिंग ओलंपिक खेलों से ही ICC के प्रतिनिधि क्रिकेट को शामिल किए जाने को लेकर अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रतिनिधियों से बातचीत में लगे थे पर BCCI और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड का समर्थन इसके लिए नहीं मिलने की वजह से बात पूरी नहीं हो पाई। पर आशा की किरण साल 2017 में दिखाई दी जब ICC ने क्रिकेट को ओलंपिक खेलों में शामिल किए जाने के मुद्दे पर पूरा समर्थन दिखाया। लेकिन अब आखिरकार ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारतीय क्रिकेट बोर्ड क्रिकेट को ओलंपिक भेजने के मुद्दे पर सकारात्मक रुख दिखा चुके हैं और इसके चलते ही साल 2028 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल करने की कवायद शुरु हो गयी है। BCCI ने भी साफ कर दिया है कि यदि क्रिकेट ओलंपिक में शामिल होता है तो वह पुरुष एवं महिला टीम भेजने को तैयार है।
वैसे क्रिकेट यदि ओलंपिक में शामिल होता भी है तो इसके वनडे फॉर्मेट को जगह मिलने की उम्मीद न के बराबर है क्योंकि यदि दोनों टीमें पूरी पारियां खेलें तो खेल लगभग 8 घंटे चलता है। वहीं टी-20 मैच में 3.30 घंटे में पूरे होते हैं। ऐसी स्थिति में टी-20 या फिर टी-10 फॉर्मेट में क्रिकेट को ओलंपिक में लाया जा सकता है। क्रिकेट को ओलंपिक में लाना आयोजकों के लिए भी फायदे का सौदा ही होगा क्योंकि इस खेल की लोकप्रियता संख्या के मानकों में काफी अच्छी है।
तो अब बस इंतजार है कि लॉस एंजिल्स खेलों में शामिल किए जाने वाले खेलों की सूची को जल्द अप्रूवल मिल जाए। कयास 2024 पेरिस ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने की भी लगाई जा रही है, लेकिन इतने कम समय में ये शायद न हो पाए। इसलिए क्रिकेट फैंस को इंतजार रहेगा अमेरिका में 2028 में होने वाले खेलों के महाकुंभ का, शायद हम और आप गेंद और बल्ले का ये रोमांचक इवेंट खेलों की सबसे बड़ी स्पर्धा में देख पाएँ।