भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 4-0 से शानदार जीत दर्ज की। जबकि टीम इंडिया के 5 स्टार खिलाड़ी चोटिल थे, जो इस सीरीज में हिस्सा नहीं ले पाए थे। भारत ने 5 में से 4 मैचों में टॉस हारे और विरोधी टीम ने 3 बार 400 से ज्यादा का स्कोर बनाया, बावजूद इसके भारत के मनोबल पर कोई असर नहीं पड़ा। आप टीम इंडिया के किसी भी फैन से पूछ सकते हैं अगर टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज खेलती और पहले टेस्ट के पहली पारी में 537 रन बनाती तो टीम इंडिया किसी हालत में ऑस्ट्रेलिया से सीरीज इतनी बुरी तरह से नहीं हारती। कोहली एंड कंपनी ने बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग तीनों ही डिपार्टमेंट में अव्वल दर्जे का प्रदर्शन किया। उन्होंने चोट, पिच, टॉस जीत के आड़े किसी को भी नहीं आने दिया। भारत ने टेस्ट क्रिकेट में अपने विजयरथ को बरकरार रखा और लगातार 18 टेस्ट जीते। जैसा कि हमेशा होता है सबकॉन्टिनेंट की कोई भी अपने घर में अच्छा प्रदर्शन करती है। लेकिन सवाल उठता है उनके सबकॉन्टिनेंट के बाहर के रिकॉर्ड पर। ये सच है कि भारत ने दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को टेस्ट सीरीज में घर के बाहर नहीं हराया। लेकिन एक सच ये भी है कि इन्ही 3 टॉप टेस्ट टीमों को भारत ने पिछले 3 सालों में अपने घर में बुरी तरह से हराया। लिहाजा हमेशा ये बता पाना कि टेस्ट रैंकिंग में वाकई में नंबर 1 टीम कौन सी है। अब हम आपको आंकड़ों के जरिए दिखाते हैं, कैसे विदेशों में जीत के मामले में कुछ टीमें भारत की तुलना में ज्यादा नियमित रूप से योग्य साबित हो रही हैं। सभी टेस्ट टीमों के रिकॉर्ड जिनसे ये साबित हो जाएगा कि भारत से ज्यादा भी कुछ टीमें अपने घर के बाहर लगातार जीत दर्ज करती रही हैं। प्रेरणादायक विचारक, एंथनी जे डी एंजेलो ने कहा है कि 'हकीकत काटती नहीं है, बल्कि वास्तविकता के बारे में हमारी धारणा को काटती है'। इस टेबल में आप देखेंगे कैसे टीम इंडिया का रिकॉर्ड घर के बाहर दूसरी टीमों से बेहतर है। ये आंकड़े पिछले 2 साल के हैं जो 23 दिसंबर 2014 से 23 दिसंबर 2016 तक के हैं। घर के बाहर पिछले 2 साल के टेस्ट रिकॉर्ड
टीम | घर से बाहर टेस्ट | जीत | हार | ड्रॉ | सफलता प्रतिशत | रन प्रति विकेट |
भारत | 10 | 4 | 1 | 5 | 65% | 40.11 |
ऑस्ट्रेलिया | 12 | 6 | 6 | 0 | 50% | 32.26 |
पाकिस्तान | 12 | 5 | 6 | 1 | 46% | 32.82 |
इंग्लैंड | 14 | 4 | 7 | 3 | 39% | 32.21 |
दक्षिण अफ्रीका | 9 | 2 | 4 | 3 | 39% | 23.31 |
न्यूजीलैंड | 12 | 3 | 7 | 2 | 33% | 34.76 |
श्रीलंका | 9 | 2 | 6 | 1 | 28% | 28.89 |
वेस्टइंडीज | 7 | 0 | 5 | 2 | 14% | 24.65 |
घर के बाहर ऑस्ट्रेलिया का पिछले 2 साल का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया ने पिछले 2 साल में घर के बाहर 12 में से 6 टेस्ट मैच जीते और 6 टेस्ट में उसे हार मिली। ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज में जीत दर्ज की, इंग्लैंड में उसे हार भी मिली और जीत भी, श्रीलंका में उसे हार मिली ( जहां टीम इंडिया ने जीत दर्ज की थी) और न्यूजीलैंड में उसने जीत दर्ज की। ऑस्ट्रेलिया ने 50 प्रतिशत मुकाबले जीते और 50 प्रतिशत मुकाबले हारे। घर के बाहर पाकिस्तान का पिछले 2 साल का रिकॉर्ड पाकिस्तान ने घर से बाहर खेले 12 टेस्ट मैचों में से 5 में जीत दर्ज की और 6 टेस्ट मैचों में उसे हार का मुंह देखना पड़ा। इंग्लैंड में उसे हार भी मिली और जीत भी जबकि न्यूजीलैंड में बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा और ऑस्ट्रेलिया में उसे काफी करीबी हार का सामना करना पड़ा। पाकिस्तान का जीत प्रतिशत 44 है और हार का प्रतिशत 50 है। घर के बाहर दक्षिण अफ्रीका का पिछले 2 साल का रिकॉर्ड पिछले 2 साल में घर के बाहर खेले गए 9 टेस्ट मैचों में प्रोटीज को सिर्फ 2 में जीत मिली। जबकि 4 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। दक्षिण अफ्रीका ने बांग्लादेश में ड्रॉ खेला, भारत में उसे बुरी तरह से हार का मुंह देखना पड़ा और ऑस्ट्रेलिया में उसने जीत दर्ज की। दक्षिण अफ्रीका ने अपने 23 प्रतिशत मुकाबले जीते और 45 प्रतिशत मुकाबलों में उसे हार मिली। दक्षिण अफ्रीका ने घर के बाहर जो दो जीत दर्ज की वो उसने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दर्ज की थी। जिन 4 मुकाबलों में दक्षिण अफ्रीका को हार का सामना करना पड़ा उनमें से 3 मुकाबले उसने भारत के खिलाफ हारे। घर के बाहर इंग्लैंड का पिछले 2 साल का रिकॉर्ड इंग्लैंड ने पिछले 2 साल में घर के बाहर 14 टेस्ट मैचों में से 4 में जीत हासिल की जबकि 7 में उसे हार मिली। वेस्टइंडीज में उसे जीत भी मिली और हार भी, साउथ अफ्रीका, बांग्लादेश और भारत में उसे बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड ने 29 प्रतिशत मुकाबले जीते और 50 प्रतिशत मुकाबलों में उसे हार मिली। घर के बाहर भारत का पिछले 2 साल का रिकॉर्ड कोहली एंड कंपनी ने पिछले 2 साल में 10 में 4 टेस्ट मैच जीते और उसे सिर्फ श्रीलंका के खिलाफ एक करीबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। भारत ने ऑस्ट्रेलिया में दो टेस्ट मैच ड्रॉ करवाए। बांग्लादेश में एक टेस्ट ड्रॉ हुआ। श्रीलंका में जीत और हार मिली जबकि वेस्टइंडीज में भारत ने जीत दर्ज की। कुल मिलाकर भारत के जीत का प्रतिशत 40 रहा और घर के बाहर हार का प्रतिशत 10 रहा। पाकिस्तान इंग्लैंड में सीरीज में ड्रॉ करवाई, इंग्लैंड ने साउथ अफ्रीका में सीरीज जीती और साउथ अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया में जीत दर्ज की जो कि विश्वसनीय नतीजे हैं। इन तीन टीमों में से दो टीमें भारत पूरी तरह से पस्त रही। इन तीनों ही टीमों ने श्रीलंका, वेस्टइंडीज और बांग्लादेश में टेस्ट गवांए हैं। जिससे ये पता चलता है कि घर के बाहर सिर्फ 1 सीरीज जीतने से ये टीमें टेस्ट में बेस्ट साबित नहीं होती। जाहिर है वर्ल्ड क्रिकेट में कोई भी टीम घर के बाहर निरंतर जीत नहीं पाई है। वहीं भारत को घर के बाहर खेले 10 टेस्ट मैचों में से सिर्फ 1 में हार मिली है। टीम इंडिया का ये प्रदर्शन अपने आप में काबिले तारीफ है। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतना एक बेंचमार्क है। जो टीम यहां जीतती है उसे टेस्ट क्रिकेट की बेहतरीन टीमों में शामिल किया जाता है। लेकिन क्या भारत, पाकिस्तान और यूएई में जीतने का कोई मतलब नहीं है। श्रीलंका में हारने को बड़ा फैक्टर क्यों नहीं माना जाता, क्यों सिर्फ ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में जीतने वाली टीम को ही महान बताया जाता है। जबतक कोई टीम निरंतरता के साथ प्रदर्शन नहीं करती तब तक टीम इंडिया का रैंकिंग में नंबर 1 पर काबिज होना वाजिब है। अब भारत को 2017 में अपने घर में बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 टेस्ट मैच खेलने हैं, जिससे भारत पास मौका है यहां जीत दर्ज कर आईसीसी रैंकिंग में नंबर 1 और नंबर 2 टीम के बीच के अंतर को और ज्यादा बढ़ाने का।