एमसीसी क्रिकेट समिति के सदस्य रमीज़ राजा ने एशियाई देशों में टेस्ट क्रिकेट के प्रति अपमानजनक रवैये को लेकर बात की। उन्होंने बीसीसीआई द्वारा पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह को टेस्ट से संन्यास के बाद भी 'ए' ग्रेड श्रेणी और 2016 में शाहिद अफरीदी के 'ए' ग्रेड श्रेणी पर भी सवाल खड़े किये और कहा कि इससे यह साबित होता है कि एशियाई बोर्ड टेस्ट क्रिकेट को तवज्जो नहीं देते हैं। राजा ने कहा "आपको टेस्ट क्रिकेट का सम्मान करना पड़ेगा और एशियाई देशों के बोर्ड को इसका ध्यान देने की जरूरत है। उदाहरण के तौर पर आप देख सकते हैं कि टेस्ट से संन्यास के बाद भी धोनी को बीसीसीआई ने 'ए' ग्रेड की श्रेणी में रखा है और ऐसा ही शाहिद अफरीदी के साथ भी था।" हर साल अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को बोर्ड की तरफ से कॉन्ट्रैक्ट दिया जाता है। भारत में खिलाड़ियों को तीन श्रेणी में रखा जाता है जिसमें ए, बी और सी शामिल है। सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को ए ग्रेड में रखा जाता है, जिसमें कप्तान कप्तान कोहली और रहाणे जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। उसके अलावा एक या दो ही प्रारूप में खेलने वाले खिलाड़ियों को बी या सी ग्रेड में रखा जाता है। धोनी ने 2014 में ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, फिर भी उन्हें ए ग्रेड की श्रेणी में ही रखा गया है। रमीज़ राजा के अनुसार टेस्ट क्रिकेट के लिए सबसे बड़ा खतरा क्रिकेट बोर्ड को ही बताया और कहा कि बोर्ड सीमित ओवरों के खिलाड़ियों की तुलना टेस्ट के मंझे हुए खिलाड़ियों से कर रही है। इससे पहले रामचंद्र गुहा ने भी धोनी के ग्रेड पर सवाल खड़े किये थे। उन्होंने बीसीसीआई को लिखे अपने इस्तीफे वाले पत्र में इस बात को रखा था। टेस्ट क्रिकेट पर खतरे को देखते हुए एमसीसी क्रिकेट समिति जिसमें कई पूर्व खिलाड़ी शामिल हैं, इस खतरे से निपटने के लिए काम कर रहे हैं। इस समिति में रमीज़ राजा के अलावा न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैकलम और पूर्व इंग्लैंड कप्तान माइक ब्रेयरली जैसे लोग शामिल हैं।