आखिर क्यों डेब्यू करने वाले जयंत यादव अपनी जर्सी पर दो नाम लिखवाना चाहते थे

भारत और न्यूजीलैंड के बीच विशाखापत्तनम में खेले गए पांचवें वन-डे मैच में दिल जीतने वाला इशारा देखने को मिला, जब भारतीय टीम अपने मां के नाम वाली जर्सी पहनकर मैदान में उतरी। इसका मकसद भारत में महिलाओं के प्रति बदलाव का दमदार उदाहरण पेश करना था। यह दिन हरियाणा के ऑफस्पिनर जयंत यादव के लिए भी बहुत बड़ा था, जिन्हें हार्दिक पांड्या की जगह अंतिम एकादश में शामिल किया गया था। जयंत यादव ने इस मैच में डेब्यू किया। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले 26 वर्षीय जयंत को राष्ट्रीय टीम में मौका मिला और उन्हें वन-डे की कैप पूर्व विस्फोटक भारतीय ओपनर वीरेंदर सहवाग ने दी। जब टीमें राष्ट्रगान के लिए मैदान पर आई तो हर भारतीय खिलाड़ी अपनी मां के नाम वाली जर्सी पहनकर गर्व के साथ खड़ा हुआ था। मगर जयंत को अपनी नई नवेली जर्सी पर एक के बजाय दो नाम लिखने की जरुरत थी। मैच शुरू होने के बाद मौजूदा बीसीसीआई कोषाध्यक्ष और पूर्व टीम इंडिया के मेनेजर अनिरुद्ध चौधरी ने जयंत की दूसरी मां ज्योति यादव के बारे में अहम खुलासा किया और बताया कि क्रिकेटर को आगे बढ़ने में दूसरी मां ने कितनी मेहनत की।

जयंत की असली मां का नाम लक्ष्मी है, जिस नाम वाली जर्सी जयंत यादव ने पांचवें वन-डे के दौरान पहनी थी। 17 वर्ष पहले हवाईजहाज क्रेश होने के कारण लक्ष्मी का देहांत हो गया। फिर ज्योति यादव ने जयंत को अपना बेटा मानकर उसकी देखभाल की और हर मायनों में मदद की। ज्योति ने जयंत को क्रिकेटर बनने में बहुत मदद की। मगर जयंत के पास भी कोई विकल्प नहीं था कि वह एक-साथ दो नाम अपनी जर्सी पर छपवाएं। दिल्ली में जन्में यादव ने हरियाणा की तरफ से खेलना शुरू किया। एक ऑफस्पिनर होने के साथ-साथ यादव निचले क्रम के अच्छे बल्लेबाज भी हैं। इसका उदाहरण उन्होंने पेश भी किया जब कर्नाटक के खिलाफ उन्होंने दोहरा शतक जमाया और अमित मिश्रा के साथ 392 रन की रिकॉर्ड तोड़ने वाली साझेदारी की। जयंत को आईपीएल 2014 की शुरुआत से पहले दिल्ली डेयरडेविल्स ने खरीदा। मगर उन्हें ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिला। जयंत को अगले दो संस्करणों में सिर्फ 8 मैच खेलने को मिले। इसके बावजूद घरेलू स्तर पर उनका रिकॉर्ड बेहतर रहा और 2014-15 रणजी ट्रॉफी में उन्होंने 33 विकेट लिए। इसी वर्ष उन्होंने भारत 'ए' का भी प्रतिनिधित्व किया। अपने पहले वन-डे के बाद जयंत ने बताया कि वह जर्सी पर ज्योति का नाम भी चाहते थे, लेकिन मिक्स-अप का नतीजा यह रहा कि सिर्फ लक्ष्मी का नाम ही लिखा हुआ आया। भले ही जयंत ने जर्सी पर एक नाम रहा हो, लेकिन ऑफस्पिनर ने अपने परिवार और ज्योति व लक्ष्मी दोनों को गौरवान्वित किया है। मैच के बाद उन्होंने यह संदेश दिया