धर्मशाला वनडे में कीवी टीम पराजित क्यों हुई?

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टॉम लैथम को जोड़ीदार न मिलना
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कीवी टीम के सलामी बल्लेबाज टॉम लैथम पिच पर मजबूती से थम गए | वो एक छोर पर खड़े होकर साथी खिलाड़ियों का विकेट पतझड़ देखते रहे | लेंथम को पता था कि शुरूआती दौर में गेंदबाजों व पिच के मिजाज को जांचना है और उसी के अनुरूप उन्होंने अपनी बल्लेबाजी शुरू की | जहाँ उनके साथी खिलाड़ी तकनीक दर्शाने में नाकाम रहे वहीँ लेंथम ने किसी भी प्रकार की हड़बड़ाहट दिखाए बगैर अंत तक खेलकर नाबाद 79 रन बनाए | जब 67 रन पर टीम के 7 बल्लेबाज आउट हो चुके थे तब लैथम को टिम साउदी के रूप में एक साझेदार मिला जिसके साथ मिलकर लेंथम ने स्कोर को 67 रन से 190 रन तक पहुँचाया | टिम साउदी से पहले अगर एक भी अच्छा मध्यमक्रम का जोड़ीदार लैथम के साथ मैदान पर होता तो स्कोर कुछ ओर ही होता जो भारत को चुनौती प्रदान कर सकता था |