दौरे की शरुआत में हुई टेस्ट सीरीज में न्यूजीलैंड को 3-0 के बड़े अंतर से शिकस्त का सामना करना पड़ा जिससे कीवी टीम के खिलाड़ियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ गया | क्रिकेट में मनोबल गिरने से प्रदर्शन पर गहरा असर पड़ता है | यही बात धर्मशाला वनडे पर भी कीवी बल्लेबाजों में देखने को मिली | उनकी शारीरिक भाषा और खेलने के अंदाज में विश्वास की कमी नजर आई | ऐसा कहीं नजर ही नहीं आया कि यह वही न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम है जिसने 2015 में आईसीसी क्रिकेट विश्वकप का फाइनल मुकाबला खेला था | टेस्ट मैचों में अगर कीवी टीम के लिए कुछ भी अच्छा घटित हुआ होता तो धर्मशाला वनडे मैच में इस तरह से शिकस्त झेलने से पहले जरुर कुछ रोमांचक संघर्ष देखने को मिलता |