5 कारण जो ये बताने के लिए काफ़ी हैं कि सुरेश रैना विश्व कप टीम की ज़रूरत हैं

सुरेश रैना को दक्षिण अफ्रीका के भारत दौरे के टी -20 दौर में एक स्वर्णिम मौका मिला। रहाणे, अय्यर और जाधव जो कि हाल में प्रभावित करने में असफल रहे है के चलते मध्यक्रम की चुनौती टीम इंडिया के लिए बनी हुई है। हालांकि श्रृंखला में दक्षिण अफ्रीका पर भारत हावी रहा है, रैना के पास अनुभव तो है है ही और साथ में उन्हें कप्तान का समर्थन भी प्राप्त है। 2019 के विश्व कप में अब सिर्फ एक साल बाकी है और अब वक़्त आ गया है कि रैना जितनी जल्दी हो सके अपना प्रभाव डालें। यहां हम 5 ऐसे कारकों पर नज़र डाल रहे हैं जिनसे रैना विश्व कप 2019 के लिए भारतीय टीम की एक जरुरत बनते है:

# 1 एक अनुभवी खिलाड़ी

सुरेश रैना ने 200 से ज्यादा एकदिवसीय मैच खेले हैं और अब उनके पास 12 साल से अधिक का अनुभव हैं, जिससे वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने साथ टीम के लिये अधिक अनुभव लेकर आते है। किसी भी खिलाड़ी के लिए अनुभव आवश्यक है क्योंकि यह मुश्किल हालात से निपटने में मदद करता है। रैना का अनुभव मैच में एमएस धोनी जैसे खिलाड़ी के लिये आक्रमक ढंग से क्रिकेट खेलने के मौके बनाता है, क्यूंकि उन्हें पता होता है कि दूसरे छोर पर रैना जैसा एक खिलाड़ी जो मैच को बहुत अच्छी तरह से खत्म कर सकता है।

# 2 मध्य-क्रम में एकमात्र बाएं हाथ के बल्लेबाज़

शिखर धवन के अलावा पूरे भारतीय बल्लेबाजी क्रम में कोई बाएं हाथ का बल्लेबाज नहीं है, जो इस बल्लेबाज़ी क्रम को एक जैसा बना देता है और विविधता नज़र नही आती। पिछले कुछ समय से भारतीय टीम को लेग स्पिनरों और बायें हत्था स्पिनरों के खिलाफ मध्य ओवर में स्कोरिंग दर तेज़ करने मुश्किलात का सामना करना पड़ा है क्योंकि गेंदें उनके दाएं हाथ के बल्लेबाजों को छोड़ती हुई निकल जाती हैं। रैना एक ऐसे खिलाड़ी है जो की आसानी से स्पिन गेंदबाजों को खेल सकते है क्योंकि वह एक बाएं हाथ के बल्लेबाज़ है और गेंद उनके पास आ जाएगी जिससे स्पिन उनपर ज्यादा प्रभाव नही डाल सकेगी। उनका स्पिन के खिलाफ औसत 51 से अधिक की है और वह बेहद विश्वास के साथ गेंदों पर प्रहार भी करते है।

# 3 एक बेहतरीन क्षेत्ररक्षक

हाल के वर्षों में भारत के मैदान पर क्षेत्ररक्षण में बहुत सुधार आया है, और इसका बहुत हद तक श्रेय रैना, युवराज और कैफ जैसे खिलाड़ियों को जाता है। लेकिन जब बात कैच लपकने की हो तो बात कुछ और हो जाती है। मौजूदा भारतीय सेट-अप में रैना के स्थान पर खेल रहे केदार जाधव ने जिस तरह से कैच लपकायें है, वह एक चिंता का विषय है। दूसरी ओर, रैना एक ऐसे खिलाड़ी है जो को आधे मौके को भी कैच में बदलने की क्षमता रखते है। उनकी फिटनेस स्तर में सुधार के बाद, अब क्षेत्ररक्षण में उनके योगदान के बारे में संदेह तो किया ही नही जाना चाहिए।

# 4 एक अच्छे गेंदबाज

हार्दिक पांड्या के अपने ओवरों का कोटा पूरा न कर पाने के चलते, भारत को एक ऐसे खिलाड़ी की जरूरत होती है जो एक वास्तविक रूप से एक अच्छा छठा गेंदबाजी विकल्प हो सके और मध्य क्रम में भी बल्लेबाजी कर सकता हो। रैना उन सभी आवश्यकताओं को पूरी करते हैं। 98 परियों में 5 की औसत से 35 से अधिक विकेट के आंकड़ें बताते हैं कि वह एक अच्छे गेंदबाजी विकल्प साबित होंगे। क्यूंकि कुलदीप और चहल के रूप में भारत में दो कलाई स्पिनरों खेल रहे है, इसलिए रैना टीम में एकमात्र फिंगर स्पिनर का किरदार अदा कर सकते है। यदि पिच स्पिनरों को सहायता प्रदान करती है, तो वह वह बेहद प्रभावी गेंदबाज़ बन जाते है।

# 5 एक असाधारण टीम-मैन

जब भी कोई गेंदबाज विकेट लेता है, तो हम अक्सर देखते हैं कि उसे बधाई देने वाले पहले व्यक्ति रैना ही होते हैं। वह एक ऐसे खिलाड़ी है, जो हमेशा टीम के लिये ही खेलते हैं, और उनके जैसा एक खिलाड़ी टीम में ऐसी भावना को और बढ़ा सकता है। वह टीम के लिए हर संभव तरीके से योगदान करने की कोशिश करते है। वह उन चुनिन्दा भारतीय खिलाड़ियों में से एक है, जिनके पास मैदान पर उतरते ही गेंदों पर प्रहार करने की क्षमता है। एकदिवसीय क्रिकेट में 93 की स्ट्राइक रेट, इस बात की पुष्टि करते है। लेखक: अश्वित अभिराज अनुवादक: राहुल पांडे

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