टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट मैच (IND vs ENG) के तीसरे दिन अपनी बांह पर काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरे हैं। ऐसे में सभी फैंस के मन में यही सवाल है कि आखिर क्यों भारतीय खिलाड़ियों ने काली पट्टी बांधी हुई है। इसके पीछे काफी बड़ी वजह है।
दरअसल हाल ही में भारत के पूर्व टेस्ट कप्तान दत्ताजीराव गायकवाड़ का निधन हो गया था। वो भारत के सबसे बुजुर्ग क्रिकेटर थे। उन्होंने 95 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। दत्ताजीराव ने अपने करियर में इंग्लैंड दौरे के दौरान भारतीय टीम की कमान संभाली थी। हालांकि उनका इंटरनेशनल करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा और उन्होंने सिर्फ 11 टेस्ट मैच ही भारत के लिए खेले थे।
दत्ताजीराव गायकवाड़ की याद में खिलाड़ियों ने बांह पर बांधी काली पट्टी
इसी वजह से उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए भारतीय खिलाड़ी अपनी बांह पर काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरे। बीसीसीआई ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी थी। बीसीसीआई ने अपने ट्वीट में कहा कि टीम इंडिया के खिलाड़ी दत्ताजीराव की याद में अपनी बांह पर काली पट्टी बांधकर मैदान में उतरेंगे।
बीसीसीआई ने इससे पहले दत्ताजीराव के निधन पर शोक प्रकट करते हुए लिखा था,
बीसीसीआई भारत के पूर्व कप्तान और सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर दत्ताजीराव गायकवाड़ के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करती है। उन्होंने भारत के लिए 11 टेस्ट मैच खेले और 1959 में भारत के इंग्लैंड दौरे पर टीम का नेतृत्व किया। उनकी कप्तानी में बड़ौदा ने 1957-58 में फाइनल में सर्विसेज को हरकार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता था। भारतीय क्रिकेट बोर्ड गायकवाड़ जी के परिवार, दोस्तों और फैंस के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना प्रकट करता है।
आपको बता दें कि बता दें कि डीके गायकवाड़ ने अपने टेस्ट करियर में 350 रन बनाये थे। वहीं, फर्स्ट क्लास करियर में उनके बल्ले से 110 मुकाबलों में 17 शतक और 23 अर्धशतक की मदद से 5788 रन आये।