आईसीसी T20 World Cup में जिम्बाब्वे की टीम नहीं खेल रही है और सभी के लिए आश्चर्य की बात है कि टेस्ट खेलने वाला देश कैसे बाहर हो सकता है। इसके पीछे वजह यह है कि जिम्बाब्वे क्रिकेट में एडमिनिस्ट्रेशन संकट के कारण वे टी20 वर्ल्ड कप क्वालीफायर से बाहर हो गए और आईसीसी का सस्पेंशन भी उनको झेलना पड़ा। बाद में चीजें ठीक हो गई लेकिन जिम्बाब्वे को नुकसान उठाना पड़ा। क्वालीफायर मैचों के बाद टूर्नामेंट के पहले चरण में खेलने के लिए आठ टीमों का चयन हो गया।
टी20 वर्ल्ड कप के पहले चरण में आठ टीमें भाग ले रही हैं। इनमें ओमान, बांग्लादेश, आयरलैंड, नामीबिया, नीदरलैंड्स, स्कॉटलैंड, पापुआ न्यू गिनी और श्रीलंका की टीमें खेल रही हैं। इन सभी टीमों को चार-चार के हिसाब से दो ग्रुप में बांटा गया है। ग्रुप ए और ग्रुप बी में चार-चार टीमें हैं। इनमें से हर ग्रुप की दो टीमें अगले चरण में जाएगी और सुपर 12 का हिस्सा बन जाएँगी।
बांग्लादेश, आयरलैंड और श्रीलंका आईसीसी के पूर्ण सदस्य हैं। इनमें से तीनों आगे जाते हैं, तब भी एक स्थान एसोशिएट देशों के लिए खाली रहेगा। इसका सीधा अर्थ यही है कि इन एसोशिएट देशों में से भी एक टीम को आगे जाने का मौका मिल जाएगा। जिम्बाब्वे की टीम इसमें होती तो शायद यह जगह मुश्किल हो जाती।
भारत में होने वाला टी20 वर्ल्ड कप कोरोना वायरस की वजह से ओमान और यूएई में खेला जा रहा है। हालांकि मेजबानी अब भी भारत के पास ही है। बीसीसीआई ही पूरी व्यवस्थाएं देख रही है लेकिन यूएई और ओमान क्रिकेट भी ऑपरेशंस की चीजें देख रहे हैं। आईसीसी से मिलने वाला रेवेन्यू भारत को सबसे ज्यादा मिलेगा और कुछ हिस्सा यूएई और ओमान क्रिकेट को भी मिलेगा। देखना होगा कि सबसे छोटे प्रारूप का नया चैम्पियन इस बार कौन होता है।