IPL 2018: क्या अपने पुराने जादू को बरक़रार रख पाएगी चेन्नई सुपर किंग्स ?

7 अप्रैल से शुरू हो रहे इंडियन प्रीमियर लीग के अगले सीजन के प्रबल दावेदारों की बात करें तो इस खिताब के लिए पूर्व चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स का दावा तो बनता ही है। इसकी वजह है आईपीएल में उनका शानदार इतिहास, जिस टीम ने अपने प्रदर्शन में सबसे ज्यादा निरन्तरता दिखाई है वो है चेन्नई सुपर किंग्स। लेकिन दो वर्ष के निष्कासन के बाद इस बार लीग में फिर से वापसी कर रही चेन्नई क्या अपनी पुरानी लय बरकरार रख सकेगी? ये देखना रोचक रहेगा। अपनी टीम के को-ऑनर (सहस्वामी) मयप्पन के मैच फिक्सिंग में लिप्त पाए जाने के कारण चेन्नई पर राजस्थान रॉयल्स की तरह ही दो साल का बैन लगा दिया गया था।पिछले दो सालों से चेन्नई सुपर किंग्स की टीम सस्पेंड चल रही थी। बैन की समाप्ति के बाद इस बार आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स की टीमें वापसी कर रही हैं। पिछले सालों के विपरीत सीएसके की टीम इस बार कुछ अलग रूप-रंग में नजर आएगी। टीम ने इस बार नया मंत्र भी दिया है कि 'गो बैक टू मूव फॉरवर्ड'। कभी टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे आर अश्विन इस बार दूसरी टीम का नेतृत्व करते नजर आएंगे। टीम के कई और पुराने खिलाड़ी भी इस बार दूसरी टीमों का हिस्सा बने नज़र आएंगे। वहीं पिछले सालों में दूसरी टीमों का हिस्सा रहे कई खिलाड़ी इस बार चेन्नई का प्रतिनिधित्व करेंगे। इनमें शेन वॉट्सन, कर्ण शर्मा, मुरली विजय, अंबाती रायुडू, हरभजन सिंह के नाम प्रमुख हैं। चेन्नई सुपर किंग्स की टीम आईपीएल की सबसे सफल टीमों में शामिल है। दो बार की चैम्पियन रही टीम का आईपीएल में प्रदर्शन प्रभावशाली रहा है। आईपीएल के अलावा चैम्पियन्स लीग में भी चेन्नई की टीम का प्रदर्शन अच्छा रहा है। चेन्नई सुपर किंग्स की टीम में कप्तान एम एस धोनी के अलावा सुरेश रैना, मैथ्यू हेडन, स्टीफन फ्लेमिंग, माइकल हसी, मुथैया मुरलीधरन, ब्रेंडन मैकुलम, एंड्रयू फ्लिंटॉफ, डग बॉलिंजर, एल्बी मॉर्कल, आर अश्विन, ड्वेन स्मिथ, फ़ाफ़ डू प्लेसी, रविंद्र जडेजा, आशीष नेहरा, मुरली विजय, इरफान पठान, दिनेश कार्तिक, पार्थिव पटेल जैसे कई स्टार्स अपनी चमक बिखेर चुके हैं। इन खिलाड़ियों ने अपने अनुभवों से चेन्नई को इतनी बड़ी टीम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चैन्नई सुपर किंग्स के इतिहास पर नज़र डालें तो टीम 2008 में शुरू हुए आईपीएल के पहले सीजन में रनर अप रही थी। फाइनल में उसे राजस्थान रॉयल्स के हाथों शिकस्त खानी पड़ी। 2010 में मुंबई इंडियन को हराकर चेन्नई सुपर किंग्स ने पहली बार आईपीएल खिताब जीता। अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए उसने इसी वर्ष चैम्पियन लीग का खिताब भी अपने नाम किया। 2011 में अपने शानदार प्रदर्शन की पुनरावृत्ति करते हुए चेन्नई की टीम एक बार फिर आईपीएल चैम्पियन बनी। इस बार फाइनल में उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को मात दी। 2012 में चेन्नई की टीम रिकॉर्ड लगातार तीसरी बार फाइनल खेलने उतरी, मगर कोलकाता नाइट राइडर्स के हाथों हार जाने के कारण उनका खिताब की हैट्रिक पूरी करने का सपना अधूरा ही रह गया। 2013 के फाइनल में भी ये क्रम जारी रहा, इस बार उन्हें हराने वाली टीम मुम्बई इंडियन्स थी। सन 2014 में जाकर उनका लगातार 4 आईपीएल फाइनल मैच खेलने का सिलसिला टूटा। इस बार 4 सालों के बाद वो पहली बार फाइनल में पहुंचने में नाकाम रही, लेकिन वो चैम्पियन लीग का खिताब जीतने में सफल रहीं। 2015 में वो छठी बार फाइनल में पहुँची, फाइनल में मुम्बई इंडियन्स ने एक बार फिर उन्हें धूल चटाकर पुनः चैम्पियन बनने का गौरव प्राप्त किया। वर्ष 2016 और 2017 में प्रतिबंध लगने के कारण चेन्नई को प्रतियोगिता से बाहर रहना पड़ा। टीम को अंतरराष्ट्रीय अनुभव वाले केदार जाधव, मुरली विजय, कर्ण शर्मा, अंबाती रायडू, इमरान ताहिर, मिचेल सैंटनर, फ़ाफ़ डू प्लेसी और सैम बिलिंग्स के साथ-साथ युवा प्रतिभाओं शार्दुल ठाकुर, दीपक चहर, लुंगी एनगिडी और ध्रुव शौरी से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। लेकिन इस बार क्या वो अपना तीसरा खिताब जीतने का सपना पूरा कर सकेगी? ये धोनी, रैना, जडेजा, हरभजन, वॉट्सन और ब्रावो जैसे खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर बहुत हद तक निर्भर करेगा। इन बड़े खिलाड़ियों की प्रतिभा पर तो शक नहीं किया जा सकता, लेकिन टीम के लिए चिंता की बात ये है कि दुर्भाग्यवश ये सभी अपनी उस फॉर्म में नहीं हैं, जिसके लिए जाने जाते हैं। सैंटनर, इमरान ताहिर, कर्ण शर्मा, जडेजा, हरभजन के अलावा रैना और जाधव की मौजूदगी से टीम का स्पिन विभाग मजबूत दिखाई दे रहा है। लगता नहीं है कि उन्हें पिछले सालों में नियमित रूप से खेलते रहे अपने स्पिनरों अश्विन और शदाब जकाती की कमी खलेगी। लेकिन शार्दुल, एनगिडी, मार्क वुड और ड्वेन ब्रावो की अगुवाई वाला तेज गेंदबाजी विभाग पिछले सालों की तुलना में बहुत अनुभवहीन और कमजोर दिखाई दे रहा है। धोनी, रैना, वाट्सन के ऑउट ऑफ फॉर्म होने से बल्लेबाजी में टीम को ब्रेंडन मैकुलम, ड्वेन स्मिथ जैसे बल्लेबाजों की कमी खल सकती है, जो अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से मैच का रुख मोड़ने में सक्षम थे। युवा बल्लेबाज ध्रुव शौरी से बहुत अपेक्षाएं हैं। आसिफ, जगदीशन, कनिष्क सेठ, मोनू सिंह, क्षितिज शर्मा और चैतन्य विश्नोई इस सीजन के लिए टीम के अन्य सदस्य हैं। टीम में किए गए ये परिवर्तन क्या रंग लाते हैं? ये तो उनके इस सीजन के प्रदर्शन से ही पता चलेगा। लेकिन सुपर किंग्स पहले के मुकाबले थोड़ा कमजोर तो अवश्य हुई है ये सच है। इस सीजन में वापसी कर रही चेन्नई से लोगों को अपेक्षाएं तो बहुत हैं, लेकिन इन अपेक्षाओं पर वो कितना खरा उतरते हैं ये इंडियन प्रीमियर लीग का ये 11वां सीज़न ही तय करेगा।