क्या गौतम गंभीर की अब दोबारा टीम इंडिया में वापसी संभव है ?

कभी ये खिलाड़ी टीम इंडिया का महत्वपूर्ण हिस्सा हुआ करता था, लेकिन समय खराब आया तो फॉर्म ने साथ छोड़ दिया, नतीजा ये हुआ कि टीम में अपना स्थान गवांना पड़ा। अभी स्थिति ये है कि टीम इंडिया में वापसी के लिए ये खिलाड़ी आज भी कड़ा संघर्ष और मेहनत कर रहा है। यहां बात हो रही है दिल्ली के दिग्गज बल्लेबाज और टीम इंडिया के लिए वनडे मैचों में कप्तानी भी कर चुके गौतम गंभीर की। जिन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से टीम इंडिया की कई यादगार जीतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गौतम गंभीर किस सोच के साथ बल्लेबाजी करते हैं, ये इससे पता चलता है कि जिस समय वीरेंदर सहवाग दुनिया भर के गेंदबाजों पर कहर ढा रहे थे, उनके साथ ओपनिंग करने वाले आकाश चोपड़ा, संजय बांगर, राहुल द्रविड़ आदि उनके साथी बल्लेबाज सिर्फ एक छोर सम्भाले रखने और सहवाग को स्ट्राइक पर लाने को प्राथमिकता देते थे, वहीं जब गौतम गंभीर को सहवाग के साथ ओपनिंग का अवसर मिला तो उन्होंने अन्य बल्लेबाजों से अलग सोच दिखाते हुए खुद भी आक्रामक रुख अपनाना पसंद किया। उस समय वो सहवाग को पूरी तरह से मैच करना पसंद करते थे। कई अवसरों पर तो वो सहवाग से भी ज्यादा आक्रामक नज़र आये। सन 2003 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले गौतम गंभीर ने भारत की कई बड़ी जीतों में अहम योगदान दिया है। 2007 टी-20 विश्व कप और 2011 विश्व कप में भारत को विजेता बनाने में उनके योगदान को भला कौन भूल सकता है। इसके अलावा अपनी IPL टीम कोलकाता नाइट राइडर्स को दो बार चैम्पियन बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका से भला कौन इंकार कर सकता है। देहली डेयर डेविल्स के लिए IPL में खेलने वाले गम्भीर पर जब कोलकता नाइट राइडर्स ने बड़ा दांव खेला तो उन्होंने अपने फ्रेंचाइजी को निराश नहीं किया। गौतम गंभीर कितने शानदार बल्लेबाज हैं, ये उनके आंकड़े बयां करने के लिए काफी हैं। अब तक खेले अपने 58 टेस्ट मैचों में उन्होंने 41.95 की औसत से 4154 रन बनाए हैं। इनमें 9 शतक और 22 अर्धशतक शामिल हैं। उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 206 रन रहा है। वन डे की बात करें तो उन्होंने अब तक 147 वन डे मैच खेले हैं। इनमें अब तक उन्होंने 39.68 की औसत से 5238 रन बनाए हैं। 150 नॉट आउट के सर्वोच्च स्कोर के साथ उन्होंने 11 शतक और 34 अर्धशतक भी जड़े हैं। जबकि 37 टी-20 में उन्होंने 27.41 की औसत से 932 रन बनाए हैं। इनमें उनके 7 अर्धशतक शामिल हैं। इस फॉर्मेट में उनका अब तक का उच्चतम स्कोर 75 रन रहा है। गम्भीर ने लगातार 5 टेस्ट मैचों में शतक जड़ा है, ऐसा करने वाले वो एकमात्र भारतीय तथा दुनिया के मात्र चौथे बल्लेबाज हैं। इसके अलावा लगातार 4 टेस्ट सीरीजों में 300 से ज्यादा रन बनाने वाले वो एकमात्र भारतीय बल्लेबाज भी हैं। प्यार से गौती कहलाने वाले अर्जुन पुरस्कार विजेता गौतम गंभीर के मैदान से बाहर उनके क्रियाकलापों और उनके नजरिए की बात करें, तो उनकी सोच ये है कि वो देश और समाज के लिए कुछ करने का जज्बा रखते हैं। उनका सार्वजनिक जीवन में आचरण प्रशंसनीय एवं अनुकरणीय है। वो एक NGO भी चलाते हैं, जो गरीब लोगों की सहायता हेतु कई कार्य करता है। इसके अलावा वो सेना के कई शहीद सैनिकों के बच्चों की शिक्षा का दायित्व भी निभा रहे हैं। छोटे कद के गौती ने कई बड़े-बड़े कारनामे किये हैं। अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए विख्यात गौतम गंभीर स्टेप आउट करके (आगे बढ़ करके) लम्बे शार्ट मारने में माहिर माने जाते है। बाएं हाथ के आकर्षक ओपनर ने टीम इंडिया के लिए कई यादगार पारियां खेली हैं। अपने कैरियर में कई बार टीम से अंदर-बाहर होने वाले गौतम गम्भीर सन 2012-13 के बाद से टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं। उन्हें इसके बाद मात्र एक बार 2016 में टेस्ट सीरीज में खेलने का अवसर मिला है। उन्होंने अपना आखिरी मैच 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज के दौरान खेला था। तभी से वो फिर से टीम इंडिया में वापसी के प्रयास में लगे हुए हैं, लेकिन उन्हें अभी तक वापसी करने का अवसर नहीं मिला है। इस बार तो IPL के उनके फ्रेंचाइजी भी दो बार टीम को चैम्पियन बनाने के बावजूद उनका साथ छोड़ चुके हैं और उन्हें फिर से अपनी पुरानी देहली डेयर डेविल्स का रुख करना पड़ा है। जो कि इस बात की गवाही देती है कि उनकी किस्मत अभी भी उनसे रूठी हुई है। गौतम गंभीर की टीम इंडिया में अभी तक वापसी न हो पाने की कई वजहें हैं। पहली जो वजह है वो है उनकी फॉर्म में निरन्तरता की कमी। गौती ने पिछले कुछ सालों में घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में कई बार शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन उनकी बल्लेबाजी में निरन्तरता का अभाव रहा है। इस कारण से भी उनकी टीम इंडिया में वापसी नहीं हो पायी है। उनकी टीम इंडिया में वापसी न हो पाने की दूसरी वजह वर्तमान भारतीय ओपनर बल्लेबाजों द्वारा किया जा रहा शानदार प्रदर्शन भी है। जहाँ तक टेस्ट मैचों की बात है इस समय टीम इंडिया में मुरली विजय, के. एल. राहुल और शिखर धवन ओपनर की भूमिका निभा रहे हैं और इस समय तीनों ही जबरदस्त फॉर्म में चल रहे हैं। इस समय स्थिति ये है कि टेस्ट मैच शुरू होने से पहले कोई भी दावे से नहीं कह सकता कि इस मैच में कौन सी जोड़ी ओपनिंग के लिए उतरेगी। ऐसे में इस समय किसी और ओपनर के लिए स्थान ही नहीं बचता। वहीं वन डे और टी-20 में शिखर धवन के साथ ओपनिंग का दायित्व रोहित शर्मा निभाते हैं। ये जोड़ी भी अच्छी फॉर्म में चल रही है। आवश्यकता पड़ने पर अजिंक्य रहाणे तीसरे ओपनर के तौर पर टीम में हैं ही। इसलिए यहां भी किसी अन्य खिलाड़ी के लिए स्थान नहीं बचता है। इसके अतिरिक्त कप्तान विराट कोहली से उनके मतभेद भी उनकी वापसी की राह में बड़ी बाधा है। एक बार आईपीएल के एक मैच के दौरान गौतम गंभीर और विराट कोहली में काफी तू तू-मैं मैं हो गई थी। उसके बाद से इन दोनों के रिश्ते में आई खटास जग जाहिर है। कहीं न कहीं इस घटना ने भी गौती की वापसी की राह में रोड़ा अटकाया है। फॉर्म में निरन्तरता के अभाव, टीम इंडिया के वर्तमान ओपनर्स की अच्छी परफॉर्मेंस और किस्मत के रूठे होने के कारण हाल-फिलहाल तो किसी भी फॉरमेट में टीम इंडिया में उनकी वापसी के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। गौतम गंभीर के पास अभी भी कुछ सालों का क्रिकेट बाकी है। अभी उन्हें टीम में वापसी की आस नहीं छोड़नी चाहिए और वापसी के प्रयासों में लगे रहना चाहिए। क्योंकि यदि वो टीम इंडिया में वापसी करने में सफल रहते हैं तो उन्हें तो इसका लाभ होगा ही, साथ ही टीम इंडिया को भी उनके अनुभव का लाभ मिलेगा। गौतम गंभीर के अनुभव को देखते हुए भविष्य में टीम इंडिया में उनकी वापसी को पूरी तरह खरिज नहीं किया जा सकता। गौती को चाहिए कि वो अपनी ओर से वापसी का प्रयास करते रहें और उचित अवसर की प्रतीक्षा करें। क्योंकि यदि वो घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करते रहें और टीम में कोई स्थान खाली होता है तो अनुभवी होने के कारण उनका दावा अवश्य मजबूत होगा। खास तौर पर विश्व कप 2019 को ध्यान में रखते हुए इस सम्भावना से नकारा नहीं जा सकता। यदि टीम इंडिया का मैनेजमेंट नम्बर 4 की पोजीशन की समस्या का हल विश्व कप से पहले नहीं निकाल पाया तो अपने अनुभव के कारण वो भी इस स्थान के लिए अपना दावा ठोक सकते हैं। टीम को मजबूती देने के लिए नम्बर 4 पर कोहली ख़ुद उतरने का निर्णय करते हैं, तो गम्भीर नम्बर 3 के लिए भी एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं।

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