जिस तरह से धर्मशाला वनडे में टीम इंडिया चारों खाने चित हो गई, उससे ये सवाल उठना लाज़िमी है कि क्या टीम इंडिया एक बार फिर अपना दम-खम दिखाते हुए, सीरीज में वापसी कर पाने में सफल होगी? श्रीलंका ने धर्मशाला में टीम इंडिया को हराकर न सिर्फ उनका विजय रथ रोक दिया, बल्कि इस मैच में टीम इंडिया को बुरी तरह रौंदते हुए उनके मनोबल को भी चकनाचूर कर दिया। टीम इंडिया के लिए ये मैच किसी बुरे सपने की तरह साबित हुआ और टीम बुरी तरह धराशायी हो गई। इस मैच में भारतीय खिलाडी किसी क्लब स्तर के खिलाडी की तरह खेलते नज़र आये। इस मैच में भारतीय खिलाडियों के प्रदर्शन को देखकर ऐसा लगा जैसे भारत ने अपनी B टीम उतारी हो। जबकि ऐसा नहीं था अगर कप्तान कोहली को छोड़ दिया जाए, तो टीम लगभग वही थी जिसने पिछली सीरीज जीती थी। इस सीरीज के शुरू होने से पहले जब अपने घर में भारतीय टीम से तीनों टेस्ट, पांच वन डे और एकमात्र टी-20 मैच हारकर श्रीलंका की टीम भारत के दौरे पर आई थी, तो किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि श्रीलंका की टीम इस दौरे पर कोई मैच जीत पाएगी। सभी का मानना था कि जीतना तो दूर मैच बचा पाना भी श्रीलंकाई टीम के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। प्रायः सभी विशेषज्ञों की यही राय थी कि इस सीरीज में 3 टेस्ट, 3 वन डे और 3 टी -20 मैचों का कुल रिजल्ट भी पिछली सीरीज की ही तरह 9-0 से भारत के पक्ष में रहेगा। सभी का मानना था कि यदि सीरीज का परिणाम भारत के पक्ष में 9-0 से कम हुआ, तो ये श्रीलंकाई टीम की बड़ी कामयाबी होगी। हाँ उम्मीद इस बात की जरूर की जा रही थी कि इस बार श्रीलंका पूरी तरह घुटने नहीं टेकेगा, इस बार हारने से पहले वो कुछ संघर्ष अवश्य करेगा। लेकिन कहते हैं न कि खेल मैदान पर खेला जाता है कागजों पर नहीं, सीरीज के पहले टेस्ट मैच यानी कोलकाता टेस्ट के पहले दिन ही श्रीलंकाई टीम ने टीम इंडिया को चौंका कर रख दिया। ये टेस्ट टीम इंडिया जीत नहीं सकी और टेस्ट ड्रॉ पर खत्म हुआ। हालांकि ये सच है कि इस मैच को ड्रॉ कराने में मौसम ने भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। लेकिन श्रीलंकाई खिलाडियों ने अनुकूल परिस्थितियों का काफी हद तक सही उपयोग किया और इस मैच में टीम इंडिया को संघर्ष के लिए विवश किया, इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता। दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया जरूर अपने रंग में नज़र आई और मैच आसानी से जीतने में सफल रही। तीसरे टेस्ट को श्रीलंकाई टीम की नकारात्मक सोच के लिए याद किया जाएगा, लेकिन मैच का नतीजा ड्रॉ कराने के लिए श्रीलंकाई टीम के जुझारू प्रदर्शन से भी इंकार नहीं किया जा सकता। जहां कोलकाता टेस्ट में श्रीलंकाई गेंदबाजों ने प्रभावित किया, वहीं दिल्ली टेस्ट में उसके बल्लेबाजों ने अपनी संघर्ष क्षमता दिखाई। इसलिए अपेक्षा के विपरीत सीरीज का स्कोर 3-0 के बजाय 1-0 रहा। अब जब पहला वनडे जीतकर श्रीलंका ने तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है, तो भारत के सीरीज जीत पाने की संभावनाओं पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वभाविक है। वैसे उम्मीद तो यही की जा रही है कि पहले वनडे की पराजय को भूलकर टीम इंडिया पलटवार करते हुए श्रृंखला में वापसी करेगी। और न सिर्फ अगला वन डे जीतने में सफल होगी, बल्कि तीसरा मैच जीतकर श्रृंखला भी अपने नाम करेगी। आशा तो यही है कि टीम इंडिया के कार्यवाहक कप्तान रोहित शर्मा और पूरी टीम वनडे और उसके बाद होने वाली टी-20 सीरीज को जीतकर टीम इंडिया के नियमित कप्तान विराट कोहली को उनकी शादी का गिफ्ट देंगे। दक्षिण अफ्रीका के आगामी महत्वपूर्ण दौरे को ध्यान में रखते हुए टीम इंडिया का ऐसा करना आवश्यक भी है।