भारत ने एंटीगा में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की सकारात्मक ढंग से शुरुआत की है। वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज में टीम इंडिया ने पहला मुकाबला बड़े अंतर से आसानी से जीत लिया। अजिंक्य ने पहली पारी में 81 और दूसरी पारी में 102 रन बनाए। अजिंक्य ने दो साल में पहला शतक लगाया है। हालांकि, पहले उन्हें टीम में शामिल करने को लेकर संशय था। टीम मैनेजमेंट रोहित शर्मा और अजिंक्य में से किसी एक को मौका देना चाहता था। आखिर में अजिंक्य पर भरोसा दिखाया गया। उन्होंने भी उम्मीदों पर खरा उतरते हुए शानदार पारियां खेलीं, जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। अजिंक्य के कोच प्रवीण आमरे ने इस पर खुशी जताई है। हालांकि, रोहित शर्मा को मौका न दिए जाने पर उन्होंने उनके प्रति सहानुभूति भी दिखाई है।
प्रवीण आमरे ने कहा कि मेरी निजी राय है कि रोहित शर्मा को आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप 2019 में पांच शतक लगाने के बाद टेस्ट टीम में जरूर मौका दिया जाना चाहिए। इसको लेकर मेरी उनके प्रति पूरी सहानुभूति है। सब लोग यह जानते हैं कि वह एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। हालांकि, टीम मैनेजमेंट ने अजिंक्य रहाणे के ऊपर भरोसा दिखाया और वह उस पर पूरी तरह खरे साबित हुए। यह उनकी कड़ी मेहनत का नतीजा है। पिछले दो साल अजिंक्य के लिए आसान नहीं रहे हैं। वह जिस तरह खुद में परिवर्तन लाए हैं वो काबिल-ए-तारीफ है। वह कभी निराश नहीं हुए और लगातार मेहनत करते गए।
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उन्होंने आगे कहा कि मेरे लिए उनके पहली पारी में बनाए गए 81 रन ज्यादा महत्वपूर्ण थे। उस समय भारतीय टीम 25 रनों के स्कोर पर ही अपने तीन विकेट गंवा चुकी थी। उस वक्त टीम पर दबाव था क्योंकि विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा जैसे दो बड़े बल्लेबाज पवेलियन लौट गए थे। उन्होंने पिछले छह महीने में बहुत मेहनत की है। उन्होंने इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेला और ड्यूक गेंद के साथ अच्छा किया, जो बिल्कुल भी आसान नहीं था। अजिंक्य ने अपने प्रदर्शन से पूरी दुनिया के सामने यह साबित कर दिया है कि फॉर्म अस्थिर हो सकती है लेकिन क्लास स्थिर ही रहता है।
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